Tata Sons Debt: टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड का कर्ज तेजी से कम हुआ है. चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने में टाटा संस का शुद्ध कर्ज 5,656 करोड़ रुपये रह गया है. साथ ही कंपनी का कैश रिजर्व भी बढ़कर 9,516 करोड़ रुपये हो गया है. टाटा संस (Tata Sons) का शुद्ध कर्ज वित्त वर्ष 2015-16 में इससे कम स्तर पर था, जब आंकड़ा 5,132 करोड़ रुपये पर था. इसके बाद मार्च, 2017 से मार्च, 2023 तक टाटा संस का शुद्ध घाटा 14700 करोड़ रुपये के आसपास चल रहा था.
8 साल में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा संस के ये आंकड़े उत्साहित करने वाले हैं. यह पिछले 8 साल में कंपनी की ओर से सबसे अच्छा प्रदर्शन है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का शुद्ध घाटा 27,437 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. टाटा ग्रुप (Tata Group) की पैरेंट कंपनी का ग्रॉस डेट भी जनवरी, 2024 तक लगभग आधा होकर 15,173 करोड़ रुपये रह गया है. ग्रॉस डेट ने अपना उच्चतम आंकड़ा 31,363 करोड़ रुपये मार्च, 2019 में छुआ था.
नए सेगमेंट में उतरने से हुआ फायदा
रिपोर्ट के मुताबिक, कैश रिजर्व में आया यह जबरदस्त उछाल कंपनी की नई रणनीति के चलते आया है. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान नए-नए सेगमेंट में कदम रखे हैं. इनमें सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी और एविएशन बिजनेस शामिल हैं. साथ ही चालू वित्त वर्ष में शुद्ध कर्ज में तेजी से आ रही कमी के चलते उम्मीद जाग गई है कि टाटा संस जल्द ही डेट फ्री कंपनी बन सकती है. घाटे में चल रही टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) में कम कैश डालने के चलते टाटा संस का शुद्ध घाटा कम हुआ है. इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) समेत इसकी सब्सिडियरी से मिलने वाले डिविडेंड और बायबैक से कंपनी की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार आया है.
आने वाला है टाटा संस का आईपीओ
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 6 साल से टाटा संस ने टाटा टेलीसर्विसेज के बैंक कर्ज और भारत सरकार को विभिन्न फीस चुकाई है. इस मद में कंपनी ने करीब 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जल्द ही टाटा संस का आईपीओ मार्केट में आ सकता है. इस सुधरे हुए वित्तीय हालत के चलते इस आईपीओ को मार्केट से जबरदस्त रिस्पांस मिल सकता है.
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