Tata Steel Sacks Employees: टीसीएस के बाद टाटा स्टील ने भी कंपनी के आचार सहिंता का उल्लंघन करने के चलते 38 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कंपनी के एजीएम में ये जानकारी दी है. इन कर्मचारियों के खिलाफ पद का दुरुउपयोग करने, निजी फायदे के लिए फैसल लेने और कॉंट्रैक्ट मैनेजमेंट एग्रीमेंट के उल्लंघन के चलते ये कार्रवाई की गई है.
कंपनी को इन कर्मचारियों के खिलाफ व्हीसलब्लोअर्स की तरफ से शिकायतें मिली थी. इन 38 कर्मचारियों में से 35 को अनैतिक कार्यों के अलावा तीन को यौन दुर्व्यवहार के लिए सस्पेंड किया गया है. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा स्टील को पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 875 शिकायतें मिली थीं. जिसमें 158 व्हीसरब्लोअर की तरफ से, 48 सुरक्षा से जुड़ी, 669 एचआर से जुड़ी और कुछ शिकायतें आचरण को लेकर थी. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि ज्यादा शिकायतें मिलना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि ये कंपनी के ओपेन कल्चर को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यहां कर्मचारियों को अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इससे पहले टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज ने रिश्वत लेकर भर्ती घोटाले में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. टीसीएस ने 6 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. साथ ही भर्ती से जुड़े छह बिजनेस एसोसिएट फर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. टीसीएस के कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की भी जानकारी भी एजीएम में एन चंद्रशेखरन ने साझा की थी. शेयरहोल्डर्स से बात करते हुए एन चंद्रशेखरन ने कहा कि छह कर्मचारी ऐसे बाये गए हैं जिनका आचरण नैतिकता के खिलाफ था. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि उन सभी छह कर्मचारियों और छह ऐसी बिजनेस एसोसिएट फर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. तीन और कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी है.
टीसीएस पूरे बिजनेस एसोसिएट सप्लाई मैनेजमेंट प्रोसेस की कमजोरी और खामियों की समीक्षा करेगी. और ये सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाएं फिर ना हो. बहरहाल देश के सबसे पुराने औद्योगिक घराने में एक के बाद एक सामने आ रही ऐसी घटनाएं चिंता जताने वाली है.
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