Mining Stocks Crash: सुप्रीम कोर्ट से टैक्स मामले में माइनिंग और मेटल्स कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है जिसके बाद टाटा स्टील, एनएमडीसी, वेदांता, हिंदुस्तान जिंक और मॉइल जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राज्यों के पास ये अधिकार है कि वे माइनिंग कंपनियों से टैक्स और रॉयल्टी वसूल सकती हैं साथ ही राज्य एक अप्रैल 2005 से ये टैक्स वसूल सकेंगी. सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने ये फैसला सुनाया है जिसके बाद स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिली है.

  


माइनिंग-मेटल्स स्टॉक्स में तेज गिरावट 


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिंदुस्तान जिंक का स्टॉक 6.2 फीसदी की गिरावट के साथ 544 रुपये तक नीचे जा लुढ़का है. टाटा स्टील के शेयर में 4.38 फीसदी की गिरावट आ गई और ये 142.35 रुपये तक नीचे आ गया. एनएमडीसी का शेयर 3.70 फीसदी गिरकर 216.30 रुपये, मॉइल का स्टॉक 2.98 फीसदी गिरकर 411 रुपये और कोल इंडिया का शेयर 4.36 फीसदी की गिरावट के साथ 499 रुपये पर आ गया. एमएमटीसी भी 2.67 फीसदी और हिंदुस्तान कॉपर के शेयर में भी 5 फीसदी के करीब गिरावट देखने को मिली और ये 300 रुपये से नीचे गिरकर 295 रुपये पर आ गया. 


क्या आया आदेश 


सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को माइिंग कंपनियों से 1अप्रैल 2005 से टैक्स वसूलने की इजाजत दे दी है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ये बात पर आदेश दिया है कि राज्य ये टैक्स वसूली रेट्रोस्पेक्टिव यानि पुरानी तारीख से कर सकेंगे या 25 जुलाई 2024 के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के हक में ये फैसला सुनाया था उसके बाद से ये लागू होगा. कोर्ट ने कहा माइनिंग कंपनियों को 12 सालों में राज्यों को टैक्स का भुगतान करना होगा और इसपर कोई पेनल्टी नहीं देना होगा. एक अप्रैल 2026 से माइनिंग कंपनियों को राज्यों को टैक्स के भुगतान की शुरुआत करनी होगी.  


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