Tata Technologies की आय में होगा इजाफा, चालू वित्त वर्ष में 50 करोड़ डॉलर के कारोबार की उम्मीद
Tata Technologies : ग्लोबल इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 50 करोड़ डॉलर के कारोबार की उम्मीद है.
Tata Technologies : ग्लोबल इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 50 करोड़ डॉलर के कारोबार की उम्मीद है. यह कंपनी का किसी एक वित्त वर्ष में सबसे अधिक कारोबार का आंकड़ा होगा. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि दुनियाभर में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की बढ़ती मांग तथा कोविड-19 के बाद उसके ग्राहकों द्वारा अपनी परियोजनाओं को दूसरे गंतव्यों के लिए देने की वजह से उसकी आय में बढ़ोतरी होगी.
कोरोना काल में आय में आई थी तेज गिरावट
महामारी की शुरुआत में कंपनी की आमदनी में तेज गिरावट आई थी. वित्त वर्ष 2020-21 के पूरे साल में कंपनी की आय 8.01 करोड़ डॉलर रही थी, जो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ही 11.93 करोड़ डॉलर पर पहुंच चुकी है.
जानें क्या बोले कंपनी के सीईओ
टाटा टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक वारेन हैरिस ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम पिछली छह तिमाहियों से तिमाही-दर-तिमाही आधार पर लगातार वृद्धि देख रहे हैं. हमें यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है. कोविड-19 की शुरुआत में आमदनी में भारी गिरावट थी, लेकिन अब हमारी आय वापस आ गई है.’’
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की वजह से बढ़ेगी आमदनी
उन्होंने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में अपने इतिहास में हम पहली बार 50 करोड़ डॉलर की आय की उम्मीद कर रहे हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी की आमदनी मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षमता की वजह से बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की वजह से हमारी आमदनी बढ़ेगी.’’इसके साथ ही कोविड महामारी ने हमारे सभी विनिर्माण ग्राहकों को सिखाया है - न केवल मोटर वाहन, औद्योगिक मशीनरी और वैमानिकी क्षेत्र वापसी कर रहे हैं, बल्कि जटिल इंजीनियरिंग, टर्नकी का विकास भी दूसरे गंतव्य (ऑफशोर) में हो सकता है.
दिग्गज कंपनियों के साथ कर रहे कारोबार
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में कंपनी की ताकत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हम दुनिया की कुछ सबसे प्रगतिशील कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं. ‘‘इनमें सिर्फ स्टार्टअप ही नहीं हैं, बल्कि परंपरागत मूल उपकरण विनिर्माता (OAM) भी हैं, जो भारी निवेश कर रहे हैं जिससे टेस्ला जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा की जा सके.’’