(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Tax Collection: सरकारी खजाने को लग सकता है झटका, राजस्व संग्रह अनुमान से कम रहने की आशंका
Revenue Collection: इस साल सरकार को राजस्व के मोर्चे पर झटका लग सकता है. सरकार ने उम्मीद के साथ टैक्स कलेक्शन के अनुमान को बढ़ाया था, लेकिन अब नाउम्मीद हाथ लगने के संकेत मिल रहे हैं.
Tax Collection Estimate: केंद्र सरकार ने भले ही बड़ी उम्मीद के साथ इस साल राजस्व संग्रह के अनुमान (Revenue Estimates) को बढ़ाया था, लेकिन अब इसे हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष (FY23) में प्रत्यक्ष कर (Direct Tax Collection) और अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax Collection) समेत कुल राजस्व संग्रह अनुमान से कम रहने की आशंका है.
सरकार को है यह उम्मीद
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से ये बात कही गई है. सरकार ने फरवरी में बजट पेश करते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए राजस्व संग्रह के अनुमान को बढ़ाकर 30.43 लाख करोड़ रुपये कर दिया था. यह राजस्व संग्रह के अनुमान में 10 फीसदी से ज्यादा की तेज बढ़ोतरी थी. इससे पहले सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह 27.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया था.
इतना कम रह सकता है प्रत्यक्ष कर संग्रह
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, संशोधित अनुमान काफी ज्यादा था. हमें लग रहा है कि हम अनुमान से पीछे रह जाएंगे. अधिकारी ने प्रत्यक्ष कर को लेकर कहा कि इस मामले में कुल संग्रह 15 से 15.50 लाख करोड़ रुपये के बीच रह सकता है. हालांकि सरकार ने प्रत्यक्ष कर से 16.50 लाख करोड़ रुपये जुटने का अनुमान दिया था. सरकार ने उम्मीद जताई थी कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2021-22 के 14.20 लाख करोड़ रुपये की तुलना में करीब 17 फीसदी ज्यादा रह सकता है. प्रत्यक्ष कर से प्राप्त राजस्व में इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स दोनों के आंकड़े शामिल होते हैं.
प्रत्यक्ष कर संग्रह का सरकारी अनुमान
सरकार के संशोधित अनुमान के हिसाब से चालू वित्त वर्ष में कॉरपोरेट टैक्स से 8.35 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं. इतना ही नहीं बल्कि सरकार को अगले वित्त वर्ष में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 10.4 फीसदी बढ़कर 9.22 लाख करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है. वहीं पर्सनल इनकम टैक्स के मामले में सरकार को चालू वित्त वर्ष में 8.15 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. सरकार को लगता है कि यह अगले वित्त वर्ष में 10.4 फीसदी बढ़कर 09 लाख करोड़ रुपये के पार निकल सकता है.
कस्टम ड्यूटी इतना कम रहने की आशंका
अप्रत्यक्ष कर के मामले में एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कस्टम ड्यूटी के मोर्चे पर पीछे रहने की आशंका जताई है. सरकार ने भी बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए कस्टम ड्यूटी से कर संग्रह के अनुमान को घटाकर 2.10 लाख करोड़ रुपये किया है, जो पहले 2.13 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी. हालांकि सरकार कस्टम ड्यूटी से राजस्व संग्रह संशोधित अनुमान की तुलना में 11 फीसदी बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद कर रही है.
जीएसटी से भी हो सकती है निराशा
संशोधित अनुमान के हिसाब से सरकार को चालू वित्त वर्ष में जीएसटी यानी माल एवं सेवा कर से 8.54 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. सरकार को लगता है कि यह संग्रह अगले वित्त वर्ष में 12 फीसदी बढ़कर 9.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है. हालांकि एक तीसरे सरकारी अधिकारी ने यहां भी निराशा हाथ लगने की आशंका व्यक्त की है.
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