Tax Exemption on Ulip Returns: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने ऐसे नॉन रेजिडेंट्स को भी टैक्स पर बड़ी राहत दी है, जो किसी IFSC क्षेत्र में रजिस्टर्ड किसी कंपनी से यूलिप सहित कोई भी बीमा पॉलिसी खरीदना चाहते हैं.
यूलिप रिटर्न पर मिलेगी टैक्स छूट
अब IFSC रजिस्टर्ड ऑफिस से खरीदी गई सभी बीमा पॉलिसियों में बीमाकर्ता को धारा 10(10D) के तहत टैक्स पर छूट मिलेगी, भले ही यूलिप के लिए देय प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक या अन्य किसी पॉलिसी के लिए 5 लाख रुपये से अधिक हो. यह संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा.
हालांकि, इसमें लग सकता है कि टैक्स पर पूरी छूट नहीं मिल रही है. लेकिन वित्त मंत्री ने इसमें एक लिमिटेशन क्लॉज को जोड़ा है, जिसके बिना IFSC क्षेत्र से खरीदी गई बीमा पॉलिसियों के लिए टैक्स पर यह छूट नहीं दी जाएगी. IFSC यानी कि इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर में है. इस क्षेत्र में अपना रजिस्टर्ड ऑफिस स्थापित करने वाली कंपनियों को टैक्स पर अन्य और लाभ भी मिलते हैं.
टैक्स पर छूट को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ये
कहा
बजट 2025 में IFSC क्षेत्र के बीमा पॉलिसी खरीदारों को लाभ दिया जाएगा, इस पर पूछे जाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा- आयकर विभाग ने बजट 2025 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल में कहा- फाइनेंस बिल 2021 में धारा 10 (10D) टैक्स छूट में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि IFSC में स्थित बीमा मध्यस्थ कार्यालय (insurance intermediary office) द्वारा जारी जीवन बीमा पॉलिसी के तहत मिलने वाले रिटर्न कैपिटल गेन्स व टैक्स प्रीमियम अमाउंट (अर्थात यूएलआईपी के लिए 2,50,000 रुपये और अन्य पॉलिसियों के लिए 5,00,000 रुपये) पर बिना किसी शर्त के छूट दी जाएगी. हालांकि, अगर सालाना प्रीमियम बीमित राशि के 10 प्रतिशत से ज्यादा है, तो ऐसे मामलों में टैक्स में छूट का फायदा नहीं उठाया जा सकता है.
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