Tax Saving Tips: 9 से 12 लाख रुपये की सालाना इनकम है, जानिए कैसे बचा सकते हैं ज्यादा टैक्स
Income Tax Deduction: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बजट 2023 में मिडिल क्लास के लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक के इनकम पर टैक्स सीमा में छूट का ऐलान किया है.
Tax Saving Old Tax Regime: बजट 2023 में मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत देते हुए सरकार ने ऐलान किया था कि अब लोगों को 7 लाख रुपये तक कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. हालांकि इससे ज्यादा की सालाना कमाई करने पर आपको 3 लाख रुपये से अधिक की कुल आय पर टैक्स चुकाना होगा. ऐसे में अगर आपकी सालाना इनकम 9 से 12 लाख रुपये है तो आइए जानते हैं आप कितने तक की टैक्स छूट पा सकते हैं.
अगर आप 7 लाख से ज्यादा की सलाना कमाई करते हैं तो आपके लिए ओल्ड टैक्स रिजिम को बेहतर बताया जाता है. इसके तहत आप 9 लाख रुपये से लेकर 10.5 लाख और 12 लाख रुपये तक के सालाना इनकम पर टैक्स पुरानी कर व्यवस्था के तहत ज्यादा बचा सकते हैं.
9 लाख सालाना कमाई पर टैक्स
अगर आपकी सालाना इनकम 9 लाख रुपये है, तो वेतनभोगी कर्मचारियों के पास 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. नई कर व्यवस्था के तहत आपको 40,000 रुपये का आयकर देना होगा. अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था के लिए जाते हैं और 2,12,500 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं तो आप पुरानी कर व्यवस्था के तहत 40 हजार रुपये का टैक्स देना होगा. अगर आप इस इनकम पर ज्यादा टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत अप्लाई करना होगा. ओल्ड टैक्स रिजिम में नई टैक्स व्यवस्था की तुलना में आप 2 लाख रुपये से अधिक तक की टैक्स सेविंग कर सकते हैं. अगर आप 4 लाख रुपये तक का डिडेक्शन करते हैं तो आपको जिरो टैक्स देना होगा.
12 लाख रुपये की सालाना आय पर टैक्स
12 लाख रुपये की इनकम पर नई टैक्स व्यवस्था के तहत आपकी कुल टैक्स की राशि 60,000 रुपये होगी. पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स के रूप में समान राशि का भुगतान करने के लिए, आपको 3 लाख रुपये रुपये कटौती की आवश्यकता होगी. पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत आप 3 लाख रुपये से अधिक जितना अधिक कटौती का दावा करते हैं तो नई टैक्स व्यवस्था की तुलना में आपकी टैक्स सेविंग उतनी ही अधिक होगी. अगर आप 7 लाख रुपये तक डिडेक्शन करते हैं तो आपको शून्य टैक्स देना होगा.
इन आयकर धाराओं के तहत बचा सकते हैं टैक्स
अगर आप ओल्ड टैक्स रिजिम के तहत टैक्स छूट का दावा करते हैं तो आप अर्फोडेबल हाउस के लिए आयकर की धारा 80EEA, ईवी के लिए लोन पर सेक्शन 80EEB, एजुकेशन लोन पर आयकर छूट 80E, हाउस रेंट अलाउंस सेक्शन 10 (13A), सेक्शन 80DDB, सेक्शन 80G के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
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