Tax Saving: बच्चों की पढ़ाई और एजुकेशन लोन पर कैसे मिलता है टैक्स छूट का लाभ? जानिए कौन उठा सकता है फायदा
Education Loan: इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार अगर आपने अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो आप एजुकेशन लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
Tax Saving on Education Loan: नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स में अलग-अलग सेक्शन के तहत कई तरह की छूट के प्रावधान हैं. लोग अपने बच्चों की उच्च शिक्षा जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, MBA आदि कोर्सेज के लिए एजुकेशन लोन (Education Loan) लेते हैं. एजुकेशन लोन न सिर्फ पढ़ाई के वक्त आपकी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करता है बल्कि यह इनकम टैक्स की धारा 80E के तहत आपको टैक्स छूट का भी फायदा दिला सकता है. इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई के लिए आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत भी छूट मिलती है. अगर आप भी इन दोनों धाराओं के जरिए टैक्स छूट (Tax Rebate) का लाभ लेना चाहते हैं तो हम आपको डिटेल्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
बच्चों की पढ़ाई पर मिलती है इतनी छूट
अगर आपके दो बच्चे हैं तो उनकी ट्यूशन फीस पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है. ध्यान रखें कि इस छूट का फायदा केवल फुलटाइम एजुकेशन पर ही मिल सकता है. अगर कोई कपल में माता-पिता दोनों काम करते हैं तो ऐसी स्थिति में एक व्यक्ति दो बच्चों की और एक व्यक्ति एक बच्चे की ट्यूशन फीस (Tuition Fees) पर इनकम टैक्स की छूट क्लेम कर सकता है.
बच्चों के एजुकेशन लोन पर मिलती है इतनी छूट
इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार अगर आपने अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो आप एजुकेशन लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट को क्लेम कर सकते हैं. इस टैक्स छूट को आप तभी क्लेम कर सकते हैं जब आपने किसी सरकारी या प्राइवेट या NBFC से लोन लिया हो. इस टैक्स छूट में अधिकतम छूट की कोई सीमा तय नहीं की गई है. अगर आपके दो बच्चे हैं तो आप दोनों के एजुकेशन लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं.
एजुकेशन लोन पर कैसे कर सकते टैक्स छूट क्लेम
1. एजुकेशन लोन के ब्याज पर छूट पाने के लिए सबसे पहले ब्याज के रूप में दी गई राशि का टैक्स सर्टिफिकेट बनवाएं.
2. फिर आईटीआर फाइल (ITR Filing) करते वक्त अपने ब्याज के डिटेल्स फॉर्म में फिल करें.
3. इसके अलावा आप अपनी कंपनी के HR से बात करके उसे पहले ही सूचित कर दें. इससे आपका टीडीएस कम कटेगा.
4. अगर आप HR को लोन की जानकारी नहीं देते हैं तो बाद में आप आईटीआर फाइल करके इसका रिफंड ले सकते हैं.
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