Tax Saving Options: मार्च का महीना शुरू होते ही निवेशक टैक्स प्लानिंग के काम में लग जाते हैं. निवेश के इस दौर में हर कोई ऐसी स्कीम्स में पैसे लगाना चाहता हैं जिसमें उन्हें बंपर रिटर्न के साथ ही बेहतर टैक्स छूट (Tax Rebate) का भी लाभ मिले. ज्यादातर लोग टैक्स सेविंग के लिए इनकम टैक्स की धारा 80C को चुनते हैं. इसमें निवेशकों को 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. निवेशकों के लिए टैक्स सेविंग के कई ऐसे विकल्प (Tax Saving Options) मौजूद है जिसमें निवेश करके उन्हें तगड़ा रिटर्न मिल सकता है, मगर इसमें ज्यादा रिस्क शामिल होता है. अगर आप टैक्स सेविंग के लिए रिस्क फ्री निवेश का विकल्प खोज रहे हैं तो हम आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं. आइए जानते हैं उन स्कीम्स के बारे में  जिसमें आपको टैक्स सेविंग के साथ-साथ रिस्क फ्री निवेश की भी सुरक्षा मिल रही है-


1. बैंक टैक्स सेवर एफडी


बैंक के एफडी स्कीम (Bank Tax Saving FD) को हमेशा से ही सुरक्षित निवेश का ऑप्शन माना जाता है. इसमें किसी तरह का रिस्क शामिल नहीं होता है. बैंक अपने ग्राहकों को 5 साल की टैक्स सेवर एफडी का ऑप्शन देती हैं. इस जमा योजना जिसका आमतौर पर लॉक इन पीरियड 5 साल का है. इसमें निवेश किए गए डिपॉजिट पर आपको सालाना 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट हासिल हो सकती है. ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के बैंक टैक्स सेविंग एफडी पर ग्राहकों को 6.5 फीसदी से लेकर 7.5 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं.


2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)


सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) स्कीम आपको रिस्क फ्री टैक्स सेविंग का ऑप्शन प्रदान करती है. इसमें आप हर साल 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक की राशि निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ में निवेश की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट का लाभ इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिलता है. सरकार इस स्कीम के तहत निवेशकों को 7.1 फीसदी का ब्याज दर ऑफर कर रही है. इसमें आप कुल 15 साल तक के लिए पैसे निवेश कर सकते हैं.


3. राष्ट्रीय बचत पत्र


एक और रिस्क फ्री टैक्स सेविंग ऑप्शन है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Savings Certificate) यानी राष्ट्रीय बचत पत्र. इस स्कीम के तहत निवेशकों को 7.00 फीसदी के हिसाब से रिटर्न मिल रहा है. इस स्कीम के तहत भी निवेशकों को इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है. NSC में आप कुल 5 साल के लिए निवेश कर सकते हैं.


4. वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)


स्वैच्छिक भविष्य निधि यानी वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) ईपीएफ का ही एक स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसके तहत निवेश ईपीएफ के अलावा VPF में भी निवेश कर सकते हैं. ईपीएफ में सभी कर्मचारी अपनी सैलरी का 12 फीसदी योगदान देते हैं. इसके साथ ही नियोजिता को भी इसमें 12 फीसदी का योगदान देना पड़ता है. वहीं वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए कर्मचारी अपने 12  फीसदी से ज्यादा निवेश कर सकता है. मगर इनमें उसे नियोजिता का साथ नहीं मिलेगा. ऐसे में VPF के जरिए निवेश की गई राशि पर भी ईपीएफ के समान ब्याज दर 8.1 फीसदी ही मिलता है. VPF के तहत निवेशकों को इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है.


5. सुकन्या समृद्धि योजना


अगर आपके घर में 10 वर्ष से कम उम्र की बच्ची है तो उसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)  स्कीम में निवेश करके आप टैक्स छूट के साथ ही तगड़ा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं. एसएसवाई एक सरकारी योजना है जिसके तहत बच्ची को आत्मनिर्भर बनने के लिए सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश का विकल्प देती है. इस स्कीम के तहत 7.6 फीसदी ब्याज दर मिलता है. इसके साथ ही यह एक बेहतरीन टैक्स सेविंग स्कीम है जिसमें आपको रिस्क फ्री 1.5 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिलती है. 


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