Taxpayers: अब E-Filing पोर्टल पर भी नए Annual Information Statement हासिल कर सकेंगे टैक्सपेयर्स
Taxpayers: टैक्सपेयर्स अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर भी नए वार्षिक सूचना विवरण को हासिल कर सकते हैं. इसमें टैक्सपेयर की सभी फाइनैंशियल ट्रांजैक्शन की जानकारी उपलब्ध होगी.
Income Tax of India : इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि टैक्सपेयर्स अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रिटर्न दाखिल करने वाले यानी ई-फाइलिंग पोर्टल पर नए वार्षिक सूचना विवरण ( Annual Information Statement) को हासिल कर सकते हैं. इसमें ब्याज, लाभांश, प्रतिभूतियां और म्यूचुअल फंड लेनदेन और विदेशों में धन भेजने जैसी जानकारियों भी शामिल होगी.
आयकर विभाग ने पिछले महीने ही उच्च मूल्य वाले वित्तीय लेनदेन की सूची का विस्तार किया था, जो करदाताओं के लिए उनके फॉर्म 26एएस में उपलब्ध होगा. इसमें म्यूचुअल फंड (एमएफ) खरीद, विदेशों में धन भेजने जैसी जानकारी शामिल होंगी. फॉर्म 26एएस को टैक्स पासबुक भी कहा जाता है, जिसे करदाता अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) का उपयोग करके आयकर वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं.
आयकर विभाग ने ट्वीट किया, एआईएस से (सूचनाओं तक) पहुंच में आसानी मिलती है. इसे अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर हासिल किया जा सकता है और पीडीएफ, सीएसवी और जेएसओएन में डाउनलोड किया जा सकता है.
फीडबैक भी दे पाएंगे करदाता, CBDT ने चालू किया नया सिस्टम
गौरतलब है कि इनकम टैक्स को अब करदाता फीडबैक भी दे पाएंगे। पिछले दिनों आयकर विभाग ने अपने पोर्टल पर नया सालाना सूचना ब्योरा (annual information statement, AIS) जारी किया. यह करदाता की व्यापक जानकारी के साथ प्रतिक्रिया देने का विकल्प उपलब्ध कराता है। नये एआईएस में ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेन-देन, म्यूचुअल फंड सौदा और विदेशों में धन भेजने से संबंधित अतिरिक्त जानकारी शामिल हैं. मंत्रालय के अनुसार जब तक नया AIS पूर्ण रूप से ऑपरेशन में नहीं आता, फॉर्म 26एएस (Form 26 AS) टीआरएससीइएस पोर्टल पर उपलब्ध होगा। नया एआईएस एक सरलीकृत करदाता सूचना सारांश (टीआईएस) भी प्रदान करता है। यह रिटर्न दाखिल करने में चीजों को सुगम बनाता है.
सीबीडीटी के मुताबिक, करदाताओं को इस बात का ध्यान रखना होगा कि annual information statement में आयकर विभाग के पास वर्तमान में उपलब्ध जानकारी शामिल है. अगर टैक्सपेयर्स के कुछ और लेनदेन हैं जो वर्तमान में annual information statement में मौजूद नहीं है तो टैक्सपेयर्स को करदाताओं को सभी संबंधित सूचनाओं की जांच कर आयकर रिटर्न में पूर्ण और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना चाहिये.
टैक्स विभाग के मुताबिक टैक्सपेयर्स वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में दिखाई गई जानकारी को देखें और यदि जानकारी में संशोधन की आवश्यकता है तो अपना फीडबैक दें. आईटीआर दाखिल करते समय करदाता सूचना सारांश (टीआईएस) में दिये गये वैल्यू पर विचार किया जा सकता है. यदि आईटीआर पहले ही दाखिल किया जा चुका है और कुछ जानकारी आईटीआर में शामिल नहीं की गई है, तो सही जानकारी देने के लिये रिटर्न को संशोधित किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें