इनकम टैक्स फॉर्म में नहीं होगा बदलाव, आईटीआर में हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन दिखाने की जरूरत नहीं
टैक्स अधिकारियों के मुताबिक मैनुअली जांच के बजाय टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा.
टैक्सपेयर्स को अब अपने आईटीआर में हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन दिखाने की जरूरत नहीं होगी लेकिन थर्ड पार्टी की ओर से किए गए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की रिपोर्टिंग जरूर होगी क्योंकि फेसलेस स्क्रूटिनी अनिवार्य बन हो गई है. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि इनकम टैक्स रिटर्न में हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की एंट्री अब जरूरत नहीं है. सिर्फ थर्ड पार्टी ही हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देगी.
टैक्स चोरी करने वालों पर कसेगी सरकार नकेल
इससे यह जानकारी मिल पाएगी कौन लोग अपना बकाया टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. यह ईमानदार टैक्सपेयर की जांच के लिए नहीं है. यह जानकारी उन लोगों की टैक्स देनदारी का पता लगाने में इस्तेमाल की जाएगी जो रिटर्न फाइलिंग नहीं कर रहे हैं या फिर उनकी आय का खुलासा फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट से मेल नहीं खा रहा है.
टैक्स अधिकारियों के मुताबिक मैनुअली जांच के बजाय टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि इसका इस्तेमाल उन लोगों की टैक्स देनदारी का पता लगाने में किया जाएगा जो बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल में खर्च करते हैं, विदेश यात्राएं करते हैं, महंगे होटलों में ठहरते हैं और अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन टैक्स नहीं देते. वह यह कह कर टैक्स नहीं देते कि उनकी आय ढाई लाख रुपये से कम है. पीएम ने पिछले गुरुवार को फेसलेस स्क्रूटिनी, फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर का ऐलान करते हुए कहा था कि टैक्सपेयर्स अपना टैक्स ईमानदारी से दें और टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ाने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि 130 करोड़ की आबादी में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग इनकम टैक्स देते हैं.