नई दिल्लीः देश की अब तक की सबसे आधुनिक ट्रेन तेजस सोमवार से भारतीय रेल के बेड़े में शामिल हो जाएगी. कपूरथला रेल कोच फैक्टरी से चल कर आज ट्रेन को दिल्ली लाया गया जहां रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इसका मुआयना किया. दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर लाई गई ट्रेन तेजस का मुआयना करने खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभु आए थे जिससे जाहिर होता है कि ये ट्रेन कुछ खास है.





रेल मंत्री ने मुआयना करने के बाद कहा कि एयरलाइन्स और सड़क मार्ग से बढ़ते मुकाबले को देखते हुए रेलवे लगातार नये-नये रेल प्रोडक्ट ला रहा है. जून से गोवा में शुरू हो रहे पर्यटन को देखते हुए पहली तेजस गोवा से शुरू की जा रही है.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा "हम लोगों ने बजट में 4 नई ट्रेन शुरू करने का ऐलान किया था. उसके तहत पहली अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई जो आम आदमी की सुविधा के लिए पूरी अनारक्षित है जिसमे एक्जीक्यूटिव क्लास सुविधाएं हैं. इसके बाद मिडिल क्लास लोगों के लिए हमसफर नाम की ट्रेन शुरू की गई. इसके बाद मिडिल क्लास के लिए पूरी तरह एयर कंडीशन ये ट्रेन तेजस सोमवार से गोवा-मुम्बई रूट पे चलने लगेगी.



रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गिनाई खूबियां

विमान के वैक्यूम टॉयलेट और बायो टॉयलेट को एक साथ मिला कर बनाया गया है. गरम खाने के लिए इसमें पैन्ट्री भी है. इसके बाद अगली तेजस अहमदाबाद से मुम्बई को चलेगी. इसके बाद देश के सभी हिस्सों में फौरन ही तेजस चलाई जाएगी. तेजस का किराया सामान्य ट्रेनो से थोड़ा ज्यादा होगा. अगले कुछ महीनों में ही व्यापारी वर्ग को ध्यान में रखते हुए उदय एक्सप्रेस चलाई जाएगी जो रात में चलेगी और सुबह अपने गंतव्य को पहुँच जाएगी."



पिछले 70 सालों में हमने सिर्फ 20000 किलोमीटर डबलिंग का काम किया था जबकि पिछले 2.5 साल में हमने 16500 किलोमीटर डबलिंग का काम किया है जिससे जल्द ही ट्रेनों के लेट होने की समस्या से निजात मिलेगी. बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण और मेन्टेनेंस का काम हो रहा है ताकि आगे एक भी ट्रेन लेट न चले.

गतिमान एक्सप्रेस और तेजस के बीच अंतर

'गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनेँ 180 किलोमीटर की गति से चलती हैं. जबकि तेजस 200 किलोमीटर की क्षमता रखती है. हालांकि ट्रैक के अपग्रेड होने तक ये 130 किलोमीटर की रफ्तार से ही चलाई जाएगी. इसमें हमने बैलेंस राफ्ट गेयर और इलेक्ट्रो न्यूमेटिक प्लेट लगाया है जिससे सभी कोच में एक साथ ब्रेक लगेगा जिससे झटका नहीँ लगेगा. तेजस के हर कोच पर करीब 70 लाख का अतिरिक्त खर्च आया है. पूरी ट्रेन पर करीब 30 फीसदी अतिरिक्त खर्च आया है. इसके मैटीरियल को फायर रिटारडेन्ट और टोक्सिसिटि नॉर्म्स के अनुसार लगाया गया है.

ये हैं तेजस एक्सप्रेस की खासियतें जो बनाती है इसे सभी ट्रेनों से अलग


  • पूरी ट्रेन वातानुकूलित चेयरकार के रूप में है जिसमे कुल 16 चेयरकार कोच हैं जिसमें 2 एग्जीक्यूटिव क्लास की कोच हैं.

  • इसके अलावा ट्रेन के दोनों ओर दो पावर कार होंगी. इसमें मॉर्डन बस जैसा डोर लगा है जिसका कंट्रोल गार्ड के पास होगा. स्टेशन आने पर ही ये डोर खुलेंगे.

  • पूरी ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगा हुआ है.

  • इसमें पर्स्नलाइज इंफोटेंमेंट सिस्टम भी लगा हुआ है जिसमें यूएसबी पोर्ट भी मौजूद है.

  • बाथरूम में सेंसर टैप हैं. देख न सकने वाले लोगों के लिए जगह-जगह ब्रेल बोर्ड भी लगे हैं.

  • इसकी क्षमता 200 किलोमीटर प्रति घंटे की है.

  • इसमें जो खाना दिया जाएगा वो भी सेलेब्रिटी शेफ के मेन्यू से होगा.

  • इसमें पहली बार वैक्यूम कम बायो टॉयलेट लगाए गए हैं.