Telecom Department: दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सर्विस/लेन-देन से जुड़ी कॉल करने के लिए एक नई नंबरिंग सीरीज, 160xxxxxxx की शुरुआत की है. यह पहल नागरिकों को वैलिड कॉल को आसानी से पहचानने का एक तरीका देने की दिशा में बड़ा कदम है. कस्टमर्स के बीच भरोसा पैदा करने और उन्हें 10 अंकों वाले अनजान नंबरों से आने वाले स्पैम कॉल और असली संस्थाओं से आने वाले रियल सर्विस या लेनदेन से जुड़े कॉलों के बीच अंतर करने के लिए अलग नंबर सीरीज की जरूरत थी. लिहाजा डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन्स ने सर्विस और ट्रांजेक्शनल वॉयस कॉल के लिए अलग नंबर सीरीज जारी कर दी है.
अलग नंबर सीरीज की क्यों पड़ी जरूरत
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने एक नई नंबरिंग सीरीज यानी 160xxxxxxx का आवंटन किया है जिसका इस्तेमाल सर्विस या लेनदेन संबंधी वॉयस कॉल के लिए होगा. यह सर्विस/ट्रांजेक्शनल कॉल और दूसरी तरह की कॉल के बीच अंतर करेगा जिससे लोगों को अपनी बातचीत का मैनेजमेंट करना आसान होगा. उदाहरण के लिए अब आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए, आईआरडीए आदि जैसी वित्तीय संस्थाओं से आने वाली कॉल 1601 से शुरू होंगी.
मौजूदा सीरीज से नहीं हो पा रहा था मकसद पूरा
फिलहाल 140xxxxxxx सीरीज को टेलीमार्केटर्स को प्रमोशनल/सर्विस/ट्रांजेक्शनल वॉयस कॉल करने के लिए आवंटित किया गया है. हालांकि 140xx सीरीज का इस्तेमाल अब प्रमोशनल कॉल के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इसकी वजह से कंज्यूमर्स आमतौर पर ऐसे कॉल को नहीं उठाते हैं और इस तरह कई बार उनके जरूरी सर्विस या ट्रांजेक्शनल कॉल छूट जाते हैं.
इसकी वजह से रियल संस्थाएं सर्विस/ट्रांजेक्शनल कॉल करने के लिए रेगुलर 10-डिजिट नंबरों का व्यापक इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन इस बात से फ्रॉड को 10-डिजिट नंबरों का यूज करके कस्टमर्स को धोखा देने का मौका भी मिलता है.
जानें इस फैसले की खास बातें
- टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) 160 सीरीज नंबर एलोकेट करने से पहले हर यूनिट का पर्याप्त वैरिफिकेशन करेंगे.
- दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियमन (टीसीसीसीपीआर) 2018 के मुताबिक केवल सर्विस या ट्रांजेक्शन कॉल के लिए इसका यूज करने का वादा करेंगी.
- नई 160xxxxxxx नंबर सीरीज टेलीमार्केटर्स से 10 डिजिट के मोबाइल नंबरों का यूज करके अवांछित वॉयस कॉल को रोकने में मदद मिलेगी.
इस नए कदम का फायदा क्या?
160xxxxxxx सीरीज से कॉल की वैधता पर अधिक भरोसा होने से, धोखाधड़ी का शिकार होने का जोखिम कम हो जाएगा. किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी कम्यूनिकेशन के लिए, नागरिकों को संचार साथी (www.sancharsaathi.gov.in) पर चक्षु सुविधा पर इसकी रिपोर्ट करने की सलाह दी जाती है.
दूरसंचार विभाग टेलीकॉम यूजर्स को ट्राई के डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) फीचर को एक्टिव करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे गैर जरूरी प्रमोशनल कॉल्स को रोका जा सके, और स्पैम के खिलाफ उनकी सुरक्षा और बढ़ जाएगी.
क्या होती हैं सर्विस कॉल, ट्रांजेक्शनल कॉल या प्रमोशनल कॉल?
सर्विस कॉल
सर्विस कॉल का अर्थ रिसीवर को उसकी मंजूरी से रजिस्टर्ड टेम्पलेट के यूज से की गई वॉयस कॉल है. इसका प्राइमरी लक्ष्य कमर्शियल लेनदेन को आसान बनाना, पूरा करना या कंफर्म करना होता है. इसके लिए रिसावर ने पहले से ही सेंड करने वाले के साथ आने की सहमति दी होती है. इसका उद्देश्य रिसीवर के इस्तेमाल किए गए या खरीदे गए कमर्शियल प्रोडक्ट या सर्विसेज के बारे में वारंटी जानकारी, प्रोडक्ट रिफंड जानकारी, सेफ्टी या सुरक्षा जानकारी देना है.
ट्रांजेक्शनल कॉल
ट्रांजेक्शनल कॉल का मतलब उन वॉयस कॉल से है जो एडवरटाइजमेंट टाइप की नहीं है. ये अपने कस्टमर्स या अकाउंटहोल्डर्स को अलर्ट करने के मकसद से होती हैं और वॉयस कॉल से दी जाने वाली इंफॉरमेशन रियलटाइम के नजरिए से अहम होती हैं.
प्रमोशनल कॉल
प्रमोशनल कॉल का अर्थ है कमर्शियल ब्रॉडकास्ट वॉयस कॉल, जिसके लिए रिसीवर ने कोई स्पष्ट सहमति नहीं दी होती है और ये एडवर्टाइजमेंट के साथ-साथ ऑफर्स की भी जानकारी देती हैं.
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