5G News: ट्राई का 5जी स्पेक्ट्रम के बेस प्राइस में 35 फीसदी कटौती का सुझाव, नीलामी पर सिफारिशें जारीं
5G News: सरकार इसी साल स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की तैयारी में है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू करने के लिए निजी दूरसंचार प्रदाताओं को 5जी स्पेक्ट्रम देना है.
TRAI News: दूरसंचार नियामक ट्राई ने 3300-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए रिजर्व्ड प्राइस में 35 फीसदी की कटौती की सिफारिश करते हुए आज इसे 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने का सुझाव दिया. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम की कीमतों के संदर्भ में अपनी बहु-प्रतीक्षित सिफारिशें पेश करते हुए विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड के लिए रिजर्व्ड प्राइस को पिछली बार की तुलना में करीब 39 फीसदी कम रखने का सुझाव दिया है.
नए स्पेक्ट्रम बैंड में सभी मौजूदा स्पेक्ट्रम की नीलामी
ट्राई ने कहा है कि 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज के मौजूदा बैंड और 600 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के नए स्पेक्ट्रम बैंड में सभी मौजूदा स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी.
इसी साल स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की तैयारी में सरकार
सरकार इसी साल स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की तैयारी में है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू करने के लिए निजी दूरसंचार प्रदाताओं को 5जी स्पेक्ट्रम देना है. इससे इंटरनेट और अपलोडिंग की स्पीड काफी तेज हो जाने की उम्मीद है.
ट्राई ने पिछली बार से कम रखा रिजर्व्ड प्राइस- सूत्र
ट्राई ने एक बयान में कहा, "दूरसंचार सेवाप्रदाताओं को लचीलापन देने के लिए 3300-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 10 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के लिए 50 मेगाहर्ट्ज का ब्लॉक रखने की सिफारिश की गई है." सूत्रों के मुताबिक, ट्राई ने पिछली बार के सुझावों की तुलना में इस बार विभिन्न बैंड में करीब 39 फीसदी कम रिजर्व्ड प्राइस रखा है.
जानें अलग-अलग मेगाहर्ट्ज के लिए ट्राई का स्पेक्ट्रम प्राइस
सबसे अहम माने जा रहे 3300-3670 मेगाहर्ट्ज वाले 5जी स्पेक्ट्रम के लिए अखिल भारतीय स्तर पर रिजर्व्ड प्राइस 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखा गया है जो पिछली बार की तुलना में 35 फीसदी कम है. पिछले साल ट्राई ने इस स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का रिजर्व्ड प्राइस रखने की सिफारिश की थी. इसी के साथ 700 मेगाहर्ट्ज के लिए भी बेस प्राइस 3,927 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की गई है जो पिछले सुझावों की तुलना में 40 फीसदी कम है.
ट्राई ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की दीर्घावधि वृद्धि और निरंतरता, तरलता डालने और निवेश बढ़ाने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आसान भुगतान विकल्पों की इजाजत दी जानी चाहिए.
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