दुनिया के सबसे प्रमुख इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक टेस्ला (Tesla) लंबे समय से भारतीय बाजार में एंट्री की राह देख रही है. भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर करीब एक साल के बाद फिर से कयास लगाए तेज होने लगे हैं. इस बार टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) के एक कदम से ही कयासों को बल मिल रहा है.


इस कारण तेज हुए कयास


दरअसल दुनिया के सबसे रईस व्यक्तियों में से एक एलन मस्क ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को फॉलो करना शुरू किया है. पीएम मोदी चौथे ऐसे वर्ल्ड लीडर हैं, जिन्हें ट्विटर पर मस्क फॉलो करते हैं. मोदी से पहले मस्क ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (UK PM Rishi Sunak), पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Former US President Barak Obama) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emanuel Macron) को फॉलो कर रहे हैं.


ट्विटर पर मस्क सबसे लोकप्रिय


अब ट्विटर भी एलन मस्क की कंपनी हो चुकी है. वह इससे पहले भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर काफी चर्चित रहे हैं. मस्क ट्विटर पर सिर्फ 194 लोगों को ही फॉलो करते हैं, जबकि उनके खुद के फॉलेअर्स की लिस्ट काफी लंबी-चौड़ी है. वह इस मामले में 134.3 मिलियन फॉलोअर्स के साथ पहले पायदान पर हैं. दूसरे नंबर पर बराक ओबामा हैं, जिन्हें करीब साल भर पहले मस्क ने पीछे छोड़ा था. वहीं 87.7 मिलियन फॉलोअर्स के साथ पीएम मोदी भी ट्विटर के सबसे लोकप्रिय यूजर्स में से एक हैं.


लोग करने लगे ऐसी बातें


पीएम मोदी को ट्विटर पर मस्क के द्वारा फॉलो करने की जानकारी जैसे ही सामने आई, लोग इसे भारत में टेस्ला की संभावित एंट्री से जोड़ने लगे. कई यूजर्स कहने लगे कि टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगा सकती है. यह पहली बार नहीं है, जब भारत में टेस्ला की संभावित एंट्री के कयास लगाए जा रहे हों. हालांकि इस राह में अभी भी कई रोड़े हैं.


टेस्ला कर रही है यह मांग


मस्क की कंपनी टेस्ला पहले भारत में अपनी गाड़ियां इम्पोर्ट करना चाहती है और इसके लिए वह टैक्स में छूट की मांग कर रही है. मस्क का कहना है कि वह पहले भारत में टेस्ला करें इम्पोर्ट करेंगे और इसके बाद ही भारत में फैक्ट्री लगाने के बारे में सोचा जा सकता है. दूसरी ओर भारत सरकार लगातार कहती आई है कि कंपनी इम्पोर्ट करने के बजाय लोकल लेवल पर गाड़ियां मैन्यूफैक्चर करे.


भारत सरकार का ऐसा है रुख


अभी टेस्ला अमेरिका के अलावा जर्मनी और चीन में अपनी गाड़ियां बनाती है. कपंनी चीन की फैक्ट्री से एशियाई और यूरोपीय बाजारों में इम्पोर्ट करती है. भारत सरकार का साफ कहना है कि टेस्ला भारत में मेड इन चाइना गाड़ियां डम्प करने के बजाय यहीं फैक्ट्री लगाने पर विचार करे. भारत सरकार अभी पूरी तरह से तैयार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के आयात पर 100 फीसदी शुल्क लगाती है. इससे ऐसी गाड़ियों का दाम सीधे डबल हो जाता है. वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों के पार्ट के इम्पोर्ट पर 15 से 30 फीसदी का शुल्क लगता है.


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