New EV Policy: इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टेस्ला (Tesla) ने भारत में निवेश के लिए लगभग 30 अरब डॉलर का प्लान बना लिया है. कंपनी की इस संबंध में वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है. टेस्ला ने भारत के लिए 5 साल का निवेश प्लान बनाया है. यह चर्चा है कि केंद्र सरकार की नई ईवी पॉलिसी जल्द आने वाली है. टेस्ला को फिलहाल नई नीति के सामने आने का ही इंतजार है. 


टेस्ला करेगी देश में सबसे बड़ा विदेशी निवेश 


हिन्दुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से छापी रिपोर्ट में बताया कि यदि टेस्ला भारत आने का फैसला करती है तो यह देश में सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा. टेस्ला के प्रोजेक्ट से जुड़ी चर्चाओं में शामिल सूत्रों ने बताया कि टेस्ला की योजना है कि वह अपने प्लांट पर करीब 3 अरब डॉलर निवेश करेगी. इसके अलावा उसकी सहयोगी कंपनियां भी लगभग 10 अरब डॉलर भारत में लगाएंगी. साथ ही बैटरी सेगमेंट में भी लगभग 5 अरब डॉलर का निवेश होगा जो कि समय के साथ बढ़कर लगभग 15 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि टेस्ला लगभग 30 अरब डॉलर का निवेश करेगी.


केंद्र सरकार की ईवी पॉलिसी का हो रहा है इंतजार 


केंद्र की मोदी सरकार ईवी पॉलिसी को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. टेस्ला को भारत लाने में सबसे अहम रोल इसी पॉलिसी का होगा. रिपोर्ट के अनुसार, यदि नई पॉलिसी में विदेश में बनी ईवी पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम की जाती है तो टेस्ला अपने भारत आने के प्लान को तेज कर देगी.


पहले अपने बने हुए प्रोडक्ट भारत में उतारना चाहती है टेस्ला 


सूत्रों के मुताबिक, टेस्ला सबसे पहले अपने बने हुए प्रोडक्ट भारत में उतारना चाहती है. साथ ही साथ वह चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काम करना शुरू कर देगी. वह मेड इन इंडिया कार भी बनाना चाहती है. इसके लिए फैक्ट्री बनाने में लगभग 3 साल लग जाएंगे. कंपनी का फोकस भारत से ईवी कारों का एक्सपोर्ट करने पर भी होगा. 


एलन मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं प्रशंसक


रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला के मालिक एलन मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं. वह देश को आगे बढ़ाने के लिए पीएम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं. एलन मस्क और पीएम मोदी की पिछले साल जून में न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें भारत में निवेश का न्योता दिया है. वह गंभीरता से इस पर विचार भी कर रहे हैं. हालांकि, भारत सरकार ईवी को देश में बढ़ावा तो दे रही है. मगर, किसी कंपनी के हिसाब से रियायत देने को तैयार नहीं है.


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