पिछले कुछ सालों में भारत वैश्विक विनिर्माण के नए केंद्र (Global Manufacturing Hub) के रूप में उभर रहा है. कई दिग्गज अमेरिकी कंपनियां अब चीन के बजाय भारत में अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस बनाने पर ध्यान दे रही हैं. अब इस कड़ी में एप्पल (Apple) और गूगल (Google) के बाद दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) का नाम जुड़ने वाला है.
जल्द होगा भारत में निवेश का ऐलान
टेस्ला के चीफ एक्सीक्यूटिव एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) का कहना है कि उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी भारत में जल्द से जल्द निवेश करने के मौके तलाश रही है. उन्होंने कहा कि मानवीय तौर पर जितनी जल्दी संभव होगा, उसी हिसाब से निवेश किया जाएगा. एलन मस्क ने अपनी कंपनी के इस निर्णय की जानकारी फिलहाल अमेरिकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी.
अमेरिका की यात्रा पर हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अमेरिका की यात्रा पर गए हुए हैं. उनकी इस अमेरिकी यात्रा को दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों खासकर निवेश को लेकर काफी अहम माना जा रहा है. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकारी अधिकारियों के अलावा कई अमेरिकी कारोबारियों और सीईओ से मुलाकात करने वाले हैं. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एलन मस्क की भी मुलाकात हुई.
अगले साल भारत आएंगे एलन मस्क
एलन मस्क ने पीएम मोदी के साथ बैठक करने के बाद भारत में टेस्ला के निवेश की योजनाओं के बारे में टिप्पणी की. उनसे जब संवाददाताओं ने भारत में टेस्ला की निवेश योजना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि टेस्ला भारत पहुंचेगी, और यह मानवीय तौर पर जल्द से जल्द संभव समय में होगा. इसके साथ ही मस्क ने यह भी बताया कि वह अगले साल भारत की यात्रा कर सकते हैं.
एलन मस्क को भारत से ये उम्मीद
मस्क ने कहा, मैं प्रधानमंत्री को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और उम्मीद करता हूं कि हम जल्द ही कुछ ऐलान करने में सक्षम होंगे, जिसमें बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, बैटरी, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत सस्टेनेबल एनर्जी के मामले में भारत के पास ठोस संभावनाएं हैं. मस्क ने स्टारलिंक (Starlink) की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को भी भारत में जल्द शुरू करने की उम्मीद जाहिर की.
इस तरह से अटकता रहा टेस्ला का मामला
आपको बता दें कि एलन मस्क के लिए अभी तक भारत का अनुभव ठीक नहीं रहा है. उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर लंबे समय से कयास लग रहे हैं, लेकिन इस मामले में अब तक कुछ भी ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. टेस्ला का प्रयास रहा है कि वह पहले भारत में अपनी कारों को बाहर से आयात करे और बाजार को परखने के बाद मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के बारे में विचार करे, जिसके लिए कंपनी शुल्कों में छूट की मांग कर रही थी. वहीं भारत सरकार का रुख रहा है कि वह देश को चीन में बनी टेस्ला का डंपिंग जोन नहीं बनने देगी. अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में उतरना है तो यहीं मैन्यूफैक्चरिंग पर ध्यान देना होगा.
स्टारलिंक को सरकार से मिली थी फटकार
इसी तरह एलन मस्क की दूसरी कंपनी स्टारलिंक का भी भारत का अनुभव ठीक नहीं रहा है. यह कंपनी सैटेलाइट से इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराती है. कई अन्य देशों की तरह स्टारलिंक ने पिछले साल भारत में भी शुरुआत की थी, लेकिन विवादों में घिर गई थी. दरअसल उस समय सरकार ने कंपनी को फटकार लगाई थी. स्टारलिंक ने बिना सरकार से यथोचित मंजूरियों के एडवांस बुकिंग शुरू कर दी थी. बाद में सरकार के निर्देश पर कंपनी को बुकिंग के पैसे लौटाने पड़ गए थे.
एप्पल के बाद गूगल कर चुकी पहल
भारत की बात करें तो देश उन कंपनियों की पसंद बनकर उभर रहा है, जो चीन का विकल्प तलाश रही हैं. एप्पल के आईफोन समेत कई डिवाइस अब बड़े पैमाने पर भारत में बन रहे हैं. फॉक्सकॉन, विट्रॉन जैसी ताईवानी कंपनियां भारत में विनिर्माण कर रही हैं और लगातार क्षमता बढ़ा रही हैं. इस तरह अब भारत में बने आइफोन अब दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहे हैं. गूगल ने हाल ही में विनिर्माण कंपनियों से भारत में अपने फ्लैगशिप फोन पिक्सल के विनिर्माण को लेकर इंक्वायरी की है.
ये भी पढ़ें: क्यों हर साल देश छोड़ रहे हजारों अरबपति? मोहनदास पई ने बता दी वजह