टाटा भारत का एक ऐसा ब्रांड है, जो दशकों से हर किसी के लिए जाना-पहचाना नाम है. टाटा समूह का कारोबारी साम्राज्य इस कदर विशाल है कि शायद ही कोई ऐसा मिले, जिसने अपने जीवन में किसी न किसी तरीके से टाटा के प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया हो. रोज खाने में इस्तेमाल होने वाले नमक से लेकर महीन काम निपटाने वाले सॉफ्टवेयर तक, टाटा के खजाने में सब है. 100 साल से भी पुराने इतिहास में टाटा ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं और अब समूह शेयर बाजार में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाना वाला है, जो अभी तक कभी नहीं हुआ है.


19 साल पहले आया था आईपीओ


हम बात कर रहे हैं आईपीओ की. शेयर बाजार में पहले से टाटा के कई शेयर लिस्टेड हैं. आखिरी बार टाटा समूह का आईपीओ करीब 2 दशक पहले आया था, जब समूह की आईटी कंपनी टीसीएस बाजार में उतरी थी. उसके बाद अब टाटा समूह के घराने से नए आईपीओ निकलकर आने वाले हैं. अभी टाटा के आईपीओ के नाम पर महीनों से टाटा टेक्नोलॉजीज की चर्चा हो रही है. इस बीच एक ताजे नियामकीय बदलाव ने टाटा समूह के एक और आईपीओ की राहें तैयार कर दी है.


रिजर्व बैंक के कारण पड़ी जरूरत


अब टाटा समूह से जो नया आईपीओ आ सकता है, वह समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का होने वाला है. रिजर्व बैंक ने रेगुलेशंस में कुछ बदलाव किया है. बदलावों के तहत रिजर्व बैंक ने टाटा संस को अपर-लेयर एनबीएफसी की कैटेगरी में डाला है. टाटा संस इस कैटेगराइजेशन से बचने के विकल्पों पर गौर कर रही है. इस मामले में जो सबसे सरल विकल्प है, वह है बाजार में लिस्ट होने का. अगर टाटा संस बाजार में लिस्ट होने का विकल्प चुनती है तो उसे इसके लिए आईपीओ लाने की जरूरत पड़ेगी.


इतना बड़ा हो सकता है साइज


मौजूदा नियमों के अनुसार, टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए 2 साल का समय है. यानी टाटा संस को सितंबर 2025 से पहले आईपीओ लेकर आना पड़ेगा. अभी टाटा संस की वैल्यू करीब 11 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. अगर आईपीओ आता है तो टाटा ट्रस्ट समेत टाटा संस के विभिन्न शेयरहोल्डर्स को हिस्सेदारी 5 फीसदी तक कम करनी पड़ेगी. टाटा संस में अभी सबसे ज्यादा 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है. इस हिसाब से कैलकुलेट करें 5 फीसदी होल्डिंग वाले आईपीओ की वैल्यू करीब 55 हजार करोड़ रुपये हो जाती है.


एलआईसी के नाम है ये रिकॉर्ड


अभी तक भारत के बाजार में इतने बड़े साइज का आईपीओ नहीं आया है. भारतीय बाजार के इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड फिलहाल सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास है. एलआईसी पिछले साल 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी, जो भारतीय बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ. उससे पहले यह रिकॉर्ड पेटीएम के नाम था.


भारतीय बाजार के 5 सबसे बड़े आईपीओ


एलआईसी: 2022: 21 हजार करोड़ रुपये
पेटीएम (One97 Communications):2021: 18,300 करोड़ रुपये
कोल इंडिया: 2010: 15,200 करोड़ रुपये
रिलायंस पावर: 2008: 11,700 करोड़ रुपये
जीआईसी: 2017: 11,257 करोड़ रुपये


एक-डेढ़ महीने में इसकी बारी


टाटा समूह उससे पहले टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ लेकर आने की तैयारी में है. इसके लिए सेबी के पास ड्राफ्ट सौंपा जा चुका है और बाजार नियामक से डीआरएचपी को मंजूरी भी मिल चुकी है. यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस यानी ऑफर फोर सेल होने वाला है, जिसका मतलब हुआ कि इश्यू में मौजूदा शेयरहोल्डर अपनी होल्डिंग को बेचने का ऑफर देंगे. अभी इस आईपीओ की तारीख का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह आईपीओ अगले एक-डेढ़ महीने में पेश हो जाएगा.


टाटा समूह के 17 शेयर


टाटा समूह भारतीय शेयर बाजार में मजबूत उपस्थिति रखती है. देश की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी टीसीएस के अलावा भी टाटा की कई कंपनियां बाजार में लिस्टेड हैं. उनमें टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियां भी हैं व टाइटन और टाटा एलक्सी जैसे मशहूर मल्टीबैगर शेयर भी हैं. टाटा ग्रुप की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अभी समूह के 17 शेयर बाजार में ट्रेड हो रहे हैं.


टाटा समूह के मौजूदा शेयरों की पूरी लिस्ट:


टाटा कंसल्टेंसी लिमिटेड (Tata Consultancy Services Limited)
टाटा स्टील (Tata Steel Limited)
टाटा मोटर्स (Tata Motors Limited)
टाइटन (Titan Company Limited)
टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals Limited)
टाटा पावर (The Tata Power Company Limited)
इंडियन होटल्स कंपनी (The Indian Hotels Company Limited)
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products Limited)
टाटा कम्यूनिकेशंस (Tata Communications Limited)
वोल्टास (Voltas Limited)
ट्रेंट (Trent Limited)
टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (Tata Steel Long Products Limited)
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corporation Limited)
टाटा मेटालिक्स (Tata Metaliks Limited)
टाटा एलक्सी (Tata Elxsi Limited)
नेल्को (Nelco Limited)
टाटा कॉफी (Tata Coffee Limited)


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