नई दिल्लीः एमएसएमई बैंक खाते में किसी भी तरह की समस्या या कमी को 7 जनवरी तक ठीक करवा सकते हैं. दिसंबर माह में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने इस बारे में जानकारी दी थी.
दरअसल, सरकार ने एमएसएमई खातों का संचालन सुचारू रूप से चलाने के लिए एक स्पेशल अभियान चलाया है जो कि 7 दिसंबर से शुरू हुआ था और ये अभियान कल यानि 7 जनवरी को खत्म हो रहा है. आप एमएसएमई बैंक खातों की गड़बड़ी को ठीक करवाने के लिए किसी भी सरकारी बैंक में आवेदन कर सकते हैं.
विनिर्मान और सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों को एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 के अंतर्गत परिभाषित किया गया था. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है -
(1) विनिर्माण उद्यम - वस्तुओं के विनिर्माण या उत्पादन में लगे उद्यम जो उद्योग (विकास एवं विनियम) अधिनियम, 1951 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी भी उद्योग से संबंधित हैं. विनिर्माण उद्यम संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश के अनुसार परिभाषित हैं.
(2) सेवा क्षेत्र उद्यम - सेवाएं प्रदान या प्रस्तुत करने में लगे उद्यम जो उपकरण में निवेश के अनुसार परिभाषित हैं.
विनिर्माण क्षेत्र -
उद्यम संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश
- सूक्ष्म रु25 लाख तक
- लघु रु25 लाख से रु 5 करोड़ तक
- मध्यम रु5 करोड़ से रु10 करोड़ तक
सेवा क्षेत्र -
उद्यम उपकरणों में निवेश
- सूक्ष्म रु10 लाख तक
- लघु रु10 लाख से रु2 करोड़ तक
- मध्यम रु2 करोड़ से रु5 करोड़ तक
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