चालू असेसमेंट ईयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन में अब एक सप्ताह से भी कम समय बाकी है. अगले सप्ताह 3 दिन तक रिटर्न फाइलिंग का काम चलेगा और उसके बाद आईटीआर भरने के लिए जुर्माना लगने लगेगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डेडलाइन से पहले इस बात के संकेत दिए हैं कि उसे आगे खिसकाए जाने की गुंजाइश न के बराबर है.


डेडलाइन बढ़ने की गुंजाइश कम


वित्त वर्ष 2023-24 या आकलन वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. टैक्सपेयर्स का एक समूह डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग कर रहा है. वे लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग पोर्टल के स्लो होने का हवाला दे रहे हैं. हालांकि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाए जाने की उम्मीद बहुत कम है. डिपार्टमेंट को लगता है कि टैक्सपेयर सही स्पीड से रिटर्न फाइल कर रहे हैं और इस साल आईटीआर फाइलिंग का फिर से नया रिकॉर्ड बनने वाला है.


4 करोड़ से ज्यादा रिटर्न हुए फाइल


इनकम टैक्स के फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध डैशबोर्ड के अनुसार, अभी तक 12.39 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं अब तक करीब 4 करोड़ 60 लाख इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं. उनमें से 4 करोड़ 22 लाख से ज्यादा रिटर्न टैक्सपेयर्स के द्वारा वेरिफाई किए जा चुके हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनमें से 1 करोड़ 89 लाख से ज्यादा रिटर्न को प्रोसेस भी कर दिया है.


पिछले साल बना था ये रिकॉर्ड


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 4 करोड़ आईटीआर फाइलिंग का माइलस्टोन इस साल 22 जुलाई को ही हासिल कर लिया. पिछले साल 24 जुलाई को 4 करोड़ आईटीआर का आंकड़ा पार हुआ था. 23 जुलाई को एक ही दिन में 22 लाख से ज्यादा आईटीआर फाइल किए गए थे. इस कारण डिपार्टमेंट को लगता है कि इस साल आईटीआर फाइलिंग का नया रिकॉर्ड बन सकता है. पिछले साल 31 जुलाई तक रिकॉर्ड 6.77 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए गए थे.


31 जुलाई के बाद 5 हजार जुर्माना


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगता है कि डेडलाइन से पहले के बचे दिनों में टैक्सपेयर्स के द्वारा रिटर्न फाइलिंग में और तेजी आएगी. ऐसे में डेडलाइन को आगे खिसकाने की जरूरत नहीं है. इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन यानी 31 जुलाई 2024 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना नि:शुल्क है. डेडलाइन समाप्त हो जाने के बाद टैक्सपेयर के पास बिलेटेड रिटर्न भरने के लिए 31 दिसंबर तक का समय रहता है, लेकिन उसके लिए टैक्सपेयर को 5 हजार रुपये तक के जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है.


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