Self Employment: देश में नौकरियों की स्थिति को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने के बाद चला छंटनी का दौर भविष्य को लेकर आशंकाएं खड़ी कर रहा है. लोगों के मन में अक्सर यह सवाल खड़े होते रहते हैं कि आगे जाकर नौकरियों का क्या होगा. हालांकि, विशेषज्ञ भविष्य को अलग नजरिए से देख रहे हैं. उनका दावा है कि आगे जाकर कोई नौकरी करेगा ही नहीं. हर कोई सिर्फ अपने लिए काम करेगा. बॉस जैसे शब्द डिक्शनरी से गायब ही जाएंगे.


गिग इकोनॉमी और छोटे स्टार्टअप ही हैं भविष्य


दिग्गज निवेशक नवल रविकांत (Naval Ravikant) ने फ्यूचर ऑफ वर्क पर बात करते हुए कहा कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के चलते सेल्फ एम्प्लॉयमेंट (Self Employment) तेजी से बढ़ेगा. फिलहाल नौकरी के पारंपरिक तरीके भविष्य में काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि गिग इकोनॉमी (Gig Economy) और छोटे स्टार्टअप (Startups) ही भविष्य होंगे. इसके चलते न सिर्फ लोगों में वर्क सेटिस्फेक्शन बढ़ेगा बल्कि उनकी प्रोडक्टिविटी में भी इजाफा होगा. अगले 50 साल में जॉब पूरी तरह से बदल जाएंगे. लोग अपने लिए काम करने लगेंगे. हम इंडस्ट्रियल युग से इंफॉर्मेशन युग की तरफ बढ़ रहे हैं. 


भविष्य में लोग आजाद होकर काम करेंगे


नवल रविकांत उबर (Uber) और ट्विटर (Twitter) जैसी दिग्गज कंपनियों के इनवेस्टर रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले समय में लोग खुद रोजगार पैदा करने पर सबसे ज्यादा जोर देंगे. एक पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने कहा कि आज जो नौकरियां हैं, वो अगले 50 साल में नहीं होंगी. आज लोग जिस तरह से काम कर रहे, वैसे 50 साल बाद नहीं करेंगे. हम अब सूचना के दौर में आ गए हैं. उन्होंने हमारे पूर्वजों का उदाहरण दिया जो कि कबीलों में रहकर स्वतंत्र रूप से अपने काम किया करते थे. उन्होंने कहा कि पहले कृषि युग आया और फिर औद्योगिक युग, जिसमें हमने बड़ी फैक्ट्रियों में एक निश्चित समय सारिणी के हिसाब से काम करना शुरू किया. इससे हमारी व्यक्तिगत आजादी छिन गई. अब लोग भविष्य में आजाद होकर काम करेंगे.


कॉरपोरेट ढांचे से ऊब चुके हैं लोग


उन्होंने कहा कि यही वजह है कि अब स्टार्टअप तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. लोग कॉरपोरेट ढांचे से ऊब चुके हैं. टेक्नोलॉजी ने काम में ऑटोमेशन जैसी चीजों को शामिल कर दिया है. स्टार्टअप के चलते गिग इकोनॉमी भी बढ़ रही है. लोग अपना काम चुन रहे हैं. साथ ही मनमर्जी से छुट्टियां भी ले रहे हैं. लोग अब रिमोट वर्क को प्राथमिकता दे रहे हैं. नवल रविकांत ने बताया कि वह अपनी कंपनी में भी इसी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग छोटी कंपनियों में ज्यादा क्रिएटिव काम कर पा रहे हैं.


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