Senior Citizen Saving Scheme: सीनियर सिटीजन के लिए ये 3 बचत योजनाएं हैं सबसे बेहतर, बुढ़ापे में बनेंगी सहारा
सीनियर सिटीजन के लिए सरकार कई बचत योजनाएं चलाती है. वे इनमें निवेश करके बेहतर रिटर्न पा सकते हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकते हैं. आइए आपको ऐसी ही तीन बेहतरीन स्कीम्स के बारे में बताते हैं.
Senior Citizen Saving Scheme: सीनियर सिटीजन को फाइनेंशियल रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार कई बचत योजनाएं चलाती है. इनमें कई ऐसी योजनाएं हैं जिनमें सीनियर सिटीजन को बेहतर रिटर्न मिल सकता है. इनमें निश्चित राशि निवेश करके ब्याज से कमाई की जा सकती है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं. आइए आपको ऐसी ही तीन बेहतरीन स्कीम्स के बारे में बताते हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की अवधि पांच साल की होती है. इसमें एक बार में ही एक हजार से लेकर 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है और एक से अधिक अकाउंट खोले जा सकतें हैं. इस पर 7.4 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है. इसक मैच्योरिटी का समय पांच साल का होता है. यह योजना 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए है.
एफडी भी है एक अच्छा ऑप्शन
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को निवेश के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है. इसमें सीनियर सिटीजन आधा फीसदी ज्यादा ब्याज मिलता है. ऐसे में यह एक अच्छा विकल्प है. एफडी पर विभिन्न बैंकों की इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होती हैं. ऐसें में इनकी तुलना करके अपनी सहूलियत के हिसाब से एफडी खुलवा सकते हैं. इसमें सीनियर सिटीजन के लिए एक साल में 50 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री भी होता है. विभिन्न बैंक सीनियर सिटीजन के लिए पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए एफडी लॉन्च करते रहते हैं.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
यह योजना 10 साल के लिए होती है और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग इसका लाभ उठा सकते हैं. इसमें हर साल ब्याज दर तय की जाती है इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये तक का निवश किया जा सकता है. पॉलिसी टर्म तक निवेशक के जीवित होने पर स्कीम में लगाया गया पैसा पेंशन की फाइनल किस्त के साथ वापस दिया जाता है. पॉलिसी टर्म टर्म के अंदर मौत होने पर इसमें निवेश किया गया पैसा पेंशनर के नॉमिनी को मिलता है.
यह भी पढ़ें-
Saving Account खोलने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, कहीं हर छोटी सुविधा का ना देना पड़े चार्ज
चेक बाउंस होने पर हो सकती है सजा, पेमेंट चुकाने के लिए कितना समय मिलता है, जानें इसके नियम