SVB Crisis Startups: अमेरिका के टॉप बैंकों में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने (Silicon Valley Bank Collapse) से कई सेक्टर्स प्रभावित हो रहे हैं. सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत की भी कई नई कंपनियां इस संकट की चपेट में हैं. हालांकि भारतीय स्टार्टअप्स (Indian Startups) के लिए इस बीच राहत भरी खबरें भी सामने आ रही हैं. ताजा मामला है कई वैसे वेंचर इन्वेस्टर्स (Venture Investors) और बड़ी फिनटेक कंपनियों (Fintech Companies) का, जो संकट में फंसे स्टार्टअप्स के मददगार बनकर उभरे हैं.
स्टार्टअप्स के सामने ऐसी दिक्कतें
सबसे पहले आपको बता दें कि शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने की खबर सामने आई. यह बैंक स्टार्टअप्स के बीच काफी लोकप्रिय था और नए जमाने की कई सारी कंपनियां बैंकिंग कामकाज के लिए इसके साथ जुड़ी हुई थीं. अब चूंकि सिलिकॉन वैली बैंक कोलैप्स कर चुका है और इसे बचाए जाने की उम्मीदें बेहद कम हैं, इन स्टार्टअप्स के सामने अभूतपूर्व संकट खड़ा हो गया है. कइयों के सामने तो यहां तक की दिक्कत आ गई है कि वे अपने कर्मचरियों को सैलरी तक देने में दिक्कतें झेल रही हैं.
इन्वेस्टर्स दे रहे ये हिदायत
इस बीच कई टॉप वेंचर इन्वेस्टर्स और रेजरपे जैसी बड़ी फिनटेक कंपनियां प्रभावित भारतीय स्टार्टअप्स की मदद कर रही हैं. ये इन्वेस्टर्स प्रभावित स्टार्टअप्स को तत्काल प्रभाव से वैकल्पिक बैंक अकाउंट खुलवाने की भी हिदायत दे रहे हैं, ताकि उन्हें अपने कस्टमर्स से पेमेंट लेने में दिक्कतें नहीं हों और समय के साथ उनकी लिक्विडिटी में सुधार हो.
इस तरह से की जा रही मदद
ईटी की एक खबर के अनुसार, रेजरपे ने अपने बिजनेस बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर उन स्टार्टअप्स के लिए ट्रांसफर चार्जेज को हटा दिया है, जो अपने फंड्स को अमेरिका से बाहर निकालना चाह रहे हैं. इसी तरह स्टार्टअप्स के संस्थापकों और एंजल इन्वेस्टर्स के बीच तालमेल बिठाने वाले लोकप्रिय प्लेटफॉर्म एंजललिस्ट ने एसवीबी संकट से प्रभावित निकायों के लिए अलग से लाइफलाइन एग्रीमेंट नामक एक खास प्रोडक्ट की पेशकश की है, जहां बैंकिंग व स्टैंडर्डाइज्ड लोन एग्रीमेंट डॉक्यूमेंट्स मुहैया कराए जा रहे हैं.
मिल सकते हैं शॉर्ट टर्म लोन
वहीं कुछ इन्वेस्टर्स और फाउंडर्स मिलकर प्रभावित स्टार्टअप्स को छोटी अवधि के लोन ऑफर करने पर भी विचार रहे हैं. इस तरह का लोन मिलने से उन स्टार्टअप्स की दिक्कतें फिलहाल दूर हो सकती हैं, जो पेरॉल को लेकर संघर्ष कर रही हैं. स्टार्टअप्स ऐसे लोन से वर्किंग कैपिटल की अपनी तात्कालिक जरूरतें पूरी कर सकते हैं और अपने कर्मचारियों का सैलरी देना जारी रख सकते हैं. इससे उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए समय मिलेगा.
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