नई दिल्लीः भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में बहुत बदलाव आया है. एक समय था जब व्यक्ति को बैंक जाने के लिए छुट्टी लेनी पड़ती थी या अलग से समय निकालना पड़ता था, लेकिन अब सिर्फ एक बटन दबाते ही सारे काम आसानी से हो जाते हैं. एक बटन के टैप पर बैंकिग की लगभग हर सेवा उपलब्ध है. अब लोग पर्सनल लोन लेने से भी नहीं कतराते. पर्सनल लोन ने भारत में कई लोन देने वाले छोटे स्टार्टअप्स को जन्म दिया है. अब इसी में शामिल हो गया है शाओमी (Xiaomi).
स्मार्टफोन बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी शाओमी ने हाल ही में Mi क्रेडिट लॉन्च किया है. लॉन्च के वक्त भारत के प्रमुख मनु कुमार जैन ने कहा कि यह देश में 1.9 करोड़ पर्सनल लोन उपभोक्ताओं की क्षमता को दर्शाता है. स्मार्टफोन निर्माता द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारतीय पांच कारणों से पर्सनल लोन लेते हैं - पहले मेडिकल इमरजेंसी, शॉपिंग, शादी, ट्रैवल और एजुकेशन. हालांकि यह आश्चर्यजनक लग सकता है कि एजुकेशन लोन से बहुत पहले शॉपिंग लोन दूसरे स्थान पर है.
मनीटैप के सीओओ और को-फाउंडर अनुज काकर का कहना है कि पर्सनल लोन के विपरीत एक क्रेडिट लाइन आपको कई बार अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की सुविधा देती है. लोग मनीटैप का इस्तेमाल सिर्फ एक बार के बड़े खर्च के लिए नहीं बल्कि अपने छोटे-छोटे रोजमर्रा की क्रेडिट जरूरतों के लिए भी करते हैं. मनीटैप में भी उपयोगकर्ता तीन मुख्य कारणों से सबसे अधिक लोन लेते हैं- मेडिकल इमरजेंसी, बिल भुगतान और पारिवारिक कार्य जैसे शादी.
Xiaomi लॉन्च के दौराल लिज्ज़ी चैपमैन ने कहा कि अधिकत्तर महिलाएं बड़े खर्च के लिए एजुकेशन के उद्देश्य से लोन लेती हैं.
मई में ज़ेस्टमनी ने एक सर्वे किया था जिसमें पता चला था कि महिलाओं द्वारा ली गई 20% से अधिक लोन राशि एजुकेशन के लिए थी, जबकि ये आंकड़ा पुरुषों में 6% फीसदी था. इसके अलावा, ज़ेस्टमनी रिपोर्ट ने यह भी दिखाया कि महिलाओं की औसत लोन राशि पुरुषों की तुलना में 35% अधिक है. 2019 में, महिलाओं द्वारा ली गई ईएमआई राशि 20,000 रूपए थी, जबकि पुरुषों में यह राशि 15,000 रूपए थी.
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