नए साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है. इसके साथ ही नया महीना भी शुरू हो गया है. हर बार महीना बदलने पर कुछ बदलाव ऐसे होते हैं, जो लोगों की पॉकेट पर गहरा असर डालते हैं. वहीं साल के साथ-साथ भी कुछ ऐसे बदलाव होते हैं. हम आपको ऐसे ही उन 5 बड़े बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पर्सनल फाइनेंस से जुड़े हुए हैं और आपके जीवन को प्रभावित करने वाले हैं...
छोटी बचत करने वालों को फायदा
सरकार ने बीते दिनों छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा की थी. समीक्षा में सुकन्या समृद्धि योजना और 3 साल की जमा योजना पर ब्याज को 0.20 फीसदी तक बढ़ा दिया गया. नई बढ़ी हुईब्याज दरें जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए हैं. तिमाही की शुरुआत आज से हुई है. मतलब इन बढ़ी हुई ब्याज दरों का लाभ आज से मिलने लगेगा. सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज की दर अब बढ़कर 8.20 फीसदी हो गई है. 3 साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़कर 7.10 फीसदी हो गई है.
बिन डॉक्यूमेंट जमा किए ले पाएंगे सिम
नया मोबाइल कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों को नए साल में सिम्पलीफाइड प्रोसेस का लाभ मिलने वाला है. नियमों में हालिया बदलाव के बाद फिजिकल डॉक्यूमेंट जमा करने की जरूरत समाप्त हो गई है. अब नए सिम के लिए केवाईसी वेरिफिकेशन पूरी तरह से डिजिटल होगा. इससे किसी दूसरे के नाम पर सिम लेकर दुरुपयोग किए जाने के मामलों पर लगाम लगेगी.
बीमा के दस्तावेज हो जाएंगे आसान
बीमा नियामक इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को 1 जनवरी 2024 से रिवाइज्ड कस्टमर इंफॉर्मेशन सीट जारी करने के लिए कहा है. कस्टमर इंफॉर्मेशन सीट यानी सीआईएस में बीमा से जुड़ी सारी जानकारियां होती हैं. इरडा ने बीमा कंपनियों को कहा है कि वे सीआईएस में सारी जानकारियां आसान भाषा में दें, ताकि आम ग्राहक भी संबंधित बीमा के सारे टर्म और कंडीशन को समझ सके.
महंगा हुआ नई कार का सपना
अगर आप नए साल में नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए ये अपडेट निराश करने वाला है. मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, मर्सिडीज बेंज और ऑडी समेत कई कार कंपनियां साल की पहली तारीख से अपनी विभिन्न कारों के दाम को बढ़ाने का ऐलान कर चुकी हैं. कार कंपनियों का कहना है कि बढ़ती लागत के चलते उन्हें दाम बढ़ाना पड़ रहा है.
बंद हो जाएंगी ये यूपीआई आईडी
अभी देश में सबसे ज्यादा लेन-देन यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं. बड़े शहरों से लेकर दूर-दराज के गांवों तक में इसने कैश पर लोगों की निर्भरता कम की है. हालांकि डिजिटल बैंकिंग के उभार के साथ फ्रॉड के खतरे भी बढ़े हैं. इसके चलते आज से बड़ी संख्या में यूपीआई आईडी को बंद किया जा रहा है. यह एक्शन उन यूपीआई आईडी पर हो रहा है, जिन्हें पिछले एक साल से इस्तेमाल नहीं किया गया है.
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