Loan: आपके पास कुछ अनोखे विचार है. उन विचारों को जमीन पर उतारने की ताकत भी है. इसके लिए जुनून की हद तक जा सकते हैं. उन्हें फाइनांशियल मॉडल में बदलकर जॉब सीकर से जॉब गिवर बनने की तमन्ना भी है. तो फिर इंतजार किस बात का है. स्टार्टअप चलाने के लिए ऐसे ही लोग चाहिए. तो शुरू हो जाइए. एक बिजनेस प्लान बनाइए और पूरी ताकत के साथ उसमें जुट जाइए.
आ सकती है धन की समस्या
नहीं..नहीं.. एक समस्या आपको आ सकती है. वह समस्या है धन की. आखिर आपके स्टार्टअप में निवेश कौन करेगा. आपके पास पहले से बिजनेस चलाने का कोई अनुभव नहीं है. इसलिए आपके स्टार्टअप में कोई पैसा लगाना नहीं चाहेगा. संभव है कि आपकी पहले से कोई क्रेडिट हिस्ट्री भी नहीं हो, इसलिए बैंक या दूसरी वित्तीय संस्थाएं भी कतराएंगी. अब रह गई बात एंजल इन्वेस्टर्स की. यानी ऐसे परोपकारी लोगों की जो फायदा-घाटा देखे बिना केवल मदद के मकसद से युवाओं के स्टार्टअप में पैसा लगाते हैं. हो सकता है कि आपको एंजल इन्वेस्टर्स भी नहीं मिलें. फिर भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खुद सरकार आपके लिए एंजल इन्वेस्टर्स बनकर आएगी. कई ऐसी लोन योजनाएं हैं, जो स्टार्टअप की शुरूआत करने के लिए काफी फायदेमंद हैं. बस आपको उन सरकारी लोन योजनाओं के बारे में सही तरीके से जानने की जरूरत है.
कौन सी हैं वे लोन योजनाएं, जिनसे चला सकते हैं स्टार्टअप
स्टार्टअप के लिए सरकारी लोन योजनाओं में से सबसे फायदेमंद हैं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना. इसके तहत चार अलग-अलग कैटेगेरी में 50 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक का लोन हासिल किया जा सकता है. दूसरी लोन स्कीम है स्टैंडअप इंडिया स्कीम. इसके तहत एससी-एसटी और महिला उद्यमियों को ग्रीनफील्ड यानी नई कारोबारी परियोजनाओं के लिए 10 लाख रुपये से एक करोड़ तक का लोन दिया जाता है. क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज. यह भारत सरकार के लघु उद्योग मंत्रालय की योजना है. इसके तहत कोलेटरल फ्री क्रेडिट के तौर पर पांच करोड़ रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है. क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स. यह भारत सरकार की योजना है. इसके तहत 10 करोड़ तक की क्रेडिट गारंटी दी जाती है.
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