1 अप्रैल से जीएसटी नियमों के साथ ये नियम बदले, जानें आप पर होने वाला असर
1 अप्रैल से इंटर स्टेट ई-वे बिल को देश के सभी राज्यों के 4 हिस्सों में बांटा गया है. माना ये जा रहा है कि इसे लागू होने से रेवेन्यू लीकेज को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी.

नई दिल्लीः 1 अप्रैल से देश में जीएसटी के कई नियमों के साथ-साथ और भी नियम बदले जा चुके हैं जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है. यहां आपको उन सभी नए नियमों की जानकारी मिल पाएगी. आपको इन नियमों को जानकर कुछ मायनों में खुशी होगी और कुछ मायनों में निराशा हो सकती है.
ई-वे बिल लागू इस महीने से अंतर्राज्यीय ई-वे बिल लागू हो चुका है. जीएसटी काउंसिल की 26वी बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इंट्रास्टेट ई-वे बिल को चार चरणों में लागू किया जाएगा और महीने के अंत तक ये पूरे देश में लागू हो जाएगा.
मौजूदा रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था अगले 3 महीने तक जारी रहेगी. हालांकि एक्सपोर्टर्स को राहत दी गई है और जीएसटी के तहत मिलने वाली छूट को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा शराब की लाइसेंस फीस पर लगने वाला जीएसटी हटा लिया है. पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों ने इसकी मांग उठाई थी.
1 अप्रैल से इंटर स्टेट ई-वे बिल को देश के सभी राज्यों के 4 हिस्सों में बांटा गया है. ई-वे बिल 4 राज्यों के लॉट में लागू होगा. माना ये जा रहा है कि इसे लागू होने से रेवेन्यू लीकेज को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी. सरकार ने इंट्रा स्टेट ई-वे बिल हर सप्ताह लागू करने का फैसला किया है. गाड़ी में रखे माल की कीमत 50,000 रुपये से कम है तो ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी.
स्टैंडर्ड डिडक्शन करदाता को 40,000 रुपये का सीधा स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलने वाला है. 15,000 रुपये मेडिकल रीइंबर्समेंट और 19,200 रुपये का ट्रांसपोर्ट अलाउंस जो सरकार ने वापस लिया है तो इसके लिए जो लोग फर्जी बिल देते थे वो अब नहीं देने होंगे.
इनकम टैक्स पर सेस वित्त वर्ष 2018-19 से आपके इनकम टैक्स पर 3 फीसदी की जगह 4 फीसदी एजूकेशन और हेल्थ सेस लगेगा. इन दोनों पर 0.5-0.5 फीसदी का इजाफा इस बजट में किया गया था.
सीनियर सिटीजन्स के लिए ज्यादा टैक्स छूट बैंक और पोस्ट ऑफिस जमा पर सीनियर सिटीजंस के लिए 50000 रुपये तक का ब्याज टैक्स-फ्री होगा. अभी तक 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स-फ्री था. वरिष्ठ नागरिक बैंक और पोस्ट ऑफिस (एफडी, रेकरिंग) पर 50 हजार तक का ब्याज टैक्स फ्री होगा. 1 अप्रैल से पहले 10 हजार रुपये तक के ब्याज में टैक्स फ्री था.
इलाज के खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ी इसके अलावा अब इलाज के खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये हो गई है. ये सीमा 60 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए 60,000 रुपये और 80 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए के लिए 80,000 रुपये थी.
सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी पर टैक्स छूट सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी अगर एक साल से ज्यादा के लिए है तो हर साल समान अनुपात में प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलेगी.
एनपीएस पर टैक्स छूट बढ़ी 1 अप्रैल से सेल्फ एंप्लॉयड लोग एनपीएस से पैसे निकालेंगे तो इसके 40 फीसदी हिस्से पर टैक्स नहीं लगेगा. फिलहाल तक ये सुविधा केवल सैलरीड क्लास या वेतनभोगियों के लिए थी लेकिन इस बजट में इसे सेल्फ एंप्लॉयड या खुद का काम करने वाले लोगों के लिए भी लागू कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत निवेश छूट और टैक्स छूट बढ़ी अब प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत निवेश सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है. इस योजना को 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है. इस योजना में जमा पर 8 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है. 1 अप्रैल से 1 साल से ज्यादा के निवेश में मुनाफे पर 10 फीसदी टैक्स और इस पर 4 फीसदी सेस लगेगा. अभी तक लॉन्ग टर्म निवेश पर टैक्स नहीं था. 1 साल में कैपिटल गेन 1 लाख रुपये से कम है तो टैक्स नहीं लगेगा.
इक्विटी म्यूचुअल फंड के डिविडेंड पर टैक्स बढ़ा अबसे इक्विटी म्यूचुअल फंड के डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. एमएफ कंपनी जब निवेशक को डिविडेंड देगी तो उस समय वो टैक्स काटकर ही देगी. ये टैक्स जमा करने की जिम्मेदारी निवेशक की नहीं होगी.
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