शेयर बाजार में लिस्टेड एसएमई कंपनियों के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आ रहा है. नए साल से एसएमई कंपनियों के लिए मेनबोर्ड में माइग्रेशन के नए नियम अमल में आ जाएंगे. इससे एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड कई छोटी कंपनियों को अब मेनबोर्ड का हिस्सा बनने का मौका मिलने वाला है.
माइग्रेशन के लिए ये कंपनियां होंगी पात्र
स्टॉक एक्सचेंजों पर एसएमई प्लेटफॉर्म से मेनबोर्ड में माइग्रेशन के नए गाइडलाइन एक जनवरी से अमल में आएंगे. इसे लेकर बीएसई ने नवंबर में नए गाइडलाइन जारी किया था. नए गाइडलाइन के अनुसार, जो कंपनियां एसएमई प्लेटफॉर्म पर कम से कम 3 साल से लिस्टेड हैं और उनके पास कम से कम 250 पब्लिक शेयरहोल्डर हैं, मेनबोर्ड में माइग्रेट कर सकती हैं.
इन शर्तों को भी करना होगा पूरा
मेनबोर्ड में माइग्रेट होने की चाह रखने वाली कंपनियों को कुछ अन्य शर्तों को भी पूरा करना होगा. जैसे- कंपनी के पास पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 15 करोड़ रुपये की नेटवर्थ होनी चाहिए. उन्हें पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर में से कम से कम दो में ऑपरेटिंग प्रॉफिट हुआ हो. माइग्रेशन के साल से ठीक पहले वाले वित्त वर्ष में उन्हें टैक्स के बाद मुनाफा होना चाहिए.
बढ़ेगी खुदरा निवेशकों की भागीदारी
शेयर बाजारों ने लिस्टेड एसएमई कंपनियों को मेनबोर्ड में शामिल करने के लिए इन गाइडलाइंस को ऐसे समय जारी किया है, जब हालिया समय में ताबड़तोड़ एसएमई आईपीओ देखे गए हैं. साल 2023 के दौरान मेनबोर्ड की तुलना में एसएमई सेगमेंट में डबल से ज्यादा इनिशियल पब्लिक ऑफर देखे गए. मजे की बात ये रही कि कई एसएमई आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पॉन्स मिला. खासकर खुदरा निवेशकों ने इन्हें हाथों-हाथ लिया.
बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर इतनी कंपनियां
एसएमई सेगमेंट से मेनबोर्ड में मूव करने से कंपनियों को ज्यादा रिटेल कंट्रीब्यूशन का फायदा मिल सकता है. मेनबोर्ड में माइग्रेट होने से उनके बिड लॉट का साइज एक शेयर का हो जाएगा, जो रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए आसान सौदा हो जाएगा. अभी बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर करीब 300 कंपनियां हैं, जिनका सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.
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