Tax Rules for Senior Citizens: बुजुर्गों को इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय मिलने वाली छूट के बारे में जानें
Income Tax Rebate for Senior Citizens: देश के आयकर कानून में सीनियर सिटीजंस को आईटीआर भरते समय कई टैक्स छूट मिलती हैं. आपके घर में भी आयकर रिटर्न भरने वाले बुजुर्ग हैं तो आपको इन्हें जानना चाहिए.
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Income Tax Rebate for Senior Citizens: एसेसमेंट ईयर 2022-21 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख (ITR Last Date) कल यानी 31 दिसंबर को है. 60 साल से ऊपर की उम्र के सीनियर सिटीजंस (Senior Citizens) को भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले सीनियर सिटीजंस को आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) में 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.
लेकिन इसके अलावा भी उनको निवेश और विभिन्न योजनाओं से जो रिटर्न मिलता है उस पर टैक्स छूट भी मिलती है. यहां जानें इनकम टैक्स के उन नियमों के बारे में जो सीनियर सिटीजंस को छूट दिलाते हैं.
टैक्स लिमिट में छूट का गणित जानें
जिन सीनियर सिटीजंस (60 साल तक की उम्र वाले) की सालाना आय 3 लाख रुपये है और उनकी इस आय पर टीडीएस नहीं काटा गया है वो पूरी तरह टैक्स छूट के दायरे में आते हैं यानी उन्हें आईटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं है. वहीं सुपर सीनियर सिटीजंस या अति वरिष्ठ नागरिकों (80 साल से ज्यादा) की उम्र वालों को 5 लाख रुपये की सालाना इनकम होने पर टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना होता है.
ई-फाइलिंग में भी छूट
सीनियर सिटीजंस ज्यादा टैकसेवी नहीं होते इस सामान्य धारणा को ध्यान में रखते हुए ये नियम बनाया गया है कि सुपर सीनियर सिटीजंस को आईटीआर 1 या आईटीआर 4 में में रिटर्न फाइल करने के लिए ई-फाइलिंग जरूरी नहीं होती, वो इसे पेपर या फिजिकल मोड में भी फाइल कर सकते हैं.
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इंश्योरेंस प्रीमियम के पेमेंट पर डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत नियम है कि जिन सीनियर सिटीजंस ने 50 हजार रुपये तक का पेमेंट मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम में किया है वो टैक्स डिडक्शन में छूट के तौर पर आता है.
मेडिकल ट्रीटमेंट पर होने वाले खर्च पर टैक्स छूट
सेक्शन 80DDB के तहत सीनियर सिटीजंस को ये सुविधा हासिल है कि कुछ खास बीमारियों के इलाज पर खर्च हुए 1 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. वही
ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स छूट
सीनियर सिटीजंस सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर मिले 50 हजार रुपये तक के सालाना ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं जोकि आम लोगों को सिर्फ 10 हजार रुपये तक ही मिलती है.
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