उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट इलाके में चोरों ने इंडियन ओवरसीज बैंक की एक ब्रांच में 42 लॉकर काट डाले और सारा माल साफ कर दिया. फिलहाल इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) कर रही है. लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि लॉकर मालिकों को बैंक किस आधार पर हर्जाना देगी. यह कैसे तय होगा कि किसके लॉकर में क्या-क्या था और उस पर कितना हर्जाना बनता है. चलिए, इस खबर में इसी से जुड़ा नियम जानते हैं.
लूट पर बैंक ने क्या कहा
इंडियन ओवरसीज बैंक ने इस पर कहा है कि वह पुलिस और स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों का धन्यवाद देता है कि उन्होंने 24 घंटे के भीतर इस लूट के संदिग्धों को पकड़ने की त्वरित कार्रवाई की. बैंक ने आगे कहा कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बावजूद यह घटना घटी, लेकिन हम अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. बैंक चल रही जांच प्रक्रिया में सहयोग करना जारी रखेगा और हर संभव तरीके से अधिकारियों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. बैंक का कहना है कि वह सभी हितधारकों को आश्वस्त करता है कि उसके पास ऐसी घटनाओं के लिए बीमा कवरेज होता है और ग्राहकों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. चलिए, अब जानते हैं कि किसी लॉकर मालिक को अपने चोरी हुए सामान के आधार पर कैसे मुआवजा मिलता है.
हर्जाने का नियम क्या है
नियम के अनुसार, अगर बैंक लॉकर में चोरी होती है या फिर उसमें रखा सामान किसी भी वजह से गायब हो जाता है या खराब हो जाता है तो इस संबंध में बैंक को लॉकर के सालाना किराए का सौ गुना ग्राहक को चुकाना होता है. यानी अगर किसी लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपये है और लॉकर में चोरी हो जाती है तो बैंक ग्राहक को एक लाख रुपये का मुआवजा देगी.
बैंक के लॉकर में क्या-क्या रख सकते हैं
नए बैंक लॉकर एग्रीमेंट के अनुसार, आप बैंक लॉकर में गहने, जरूरी डॉक्यूमेंट्स, प्रॉपर्टी के पेपर, बर्थ सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस पॉलिसी, सेविंग बॉन्ड्स और अन्य गोपनीय चीजें रख सकते हैं.
ये चीजें लॉकर में नहीं रख सकते
नए नियम के अनुसार, आप बैंक लॉकर में कैश नहीं रख सकते. इसके अलावा हथियार, ड्रग्स, एक्सप्लोसिव, रेडियो एक्टिव मटेरियल्स और बैन चीजों को आप बैंक लॉकर में नहीं रख सकते.
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