नई दिल्लीः आजकल एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए हम लोगों की रोजमर्रा की आर्थिक जरूरतों को पूरा करना बेहद आसान हो गया है. बस कार्ड की डिटेल्स भरें और कोई भी ट्रांजेक्शन कर लें. एटीएम जाएं और कार्ड से पैसे निकाल लें. लेकिन आपकी यही सहूलियत आपके लिए तब मुसीबत बन जाती है अगर कार्ड खो जाए या चोरी हो जाए. इस सूरत में सिर्फ कार्ड के जरिए पूरा बैंक अकाउंट खाली होने का डर रहता है. लेकिन चिंता नहीं ..अगर आपका कार्ड चोरी या खो जाए तो इन कदमों से आप तुरंत अपने बैंक खाते के पैसे को सिक्योर कर सकते हैं.
- एटीएम कार्ड खो जाए तो सबसे पहले काम ये करें कि आप अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को ब्लॉक करा दें. सबसे पहले अपने बैंक में या बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके तुरंत अपने कार्ड की सारी सर्विसेज ब्लॉक करा दें ताकि कोई भी इसका मिसयूज ना कर सके. कार्ड खो जाने या हैक हो जाने पर सबसे पहले उसे ब्लॉक कराकर इसकी जानकारी बैंक को तुरंत देनी चाहिए.
- बैंक में जाकर नए एटीएम कार्ड के पिन के लिए अप्लाई कर दें. एहतियात के तौर पर कार्ड खोने की एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं क्योंकि कई बैंक इसकी मांग कर लेते हैं.
- कार्ड ब्लॉक कराने के बाद 2 तरीके से आप नए कार्ड मंगा सकते है. 1. आपके बैंक में रजिस्टर्ड एड्रेस पर बैंक 5-7 वर्किंग दिनों के अंदर आपको नया कार्ड और पिन भेज देगा. 2. बैंक में जाकर आप खुद भी हाथोंहाथ नया कार्ड ले सकते हैं, इसके लिए आपको एक आईडी प्रूफ और एक उसी बैंक का कैंसेल्ड चेक देना होगा और तुरंत नया कार्ड बैंक आपको इश्यू कर देगा.
- बैंक में ऑनलाइन डेबिट कार्ड अप्लाई करने पर या बैंक ब्रांच में जाकर एप्लाई करने पर नया पिन जारी करते हैं. हालांकि कुछ बैंक खाताधारकों को नया पिन हाथोंहाथ दे देते हैं लेकिन आम तौर पर बैंक यह पिन खाताधारक के पते पर कूरियर से भेजते हैं. नया पिन 24 से 48 घंटे में एक्टिवेट हो जाता है.
- एक और बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये कि नेटबैकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो अपने अकाउंट का पासवर्ड भी बदल दें. ये काफी आसानी से हो जाता है और इसके जरिए आप अपने खोए कार्ड के जरिए किसी भी फ्रॉड की संभावने से आसानी से बच सकते हैं. अगर आप जरूरत से ज्यादा सावधान रहने की आदत रखते हैं तो अकाउंट में जमा पैसे को नेट बैंकिंग के जरिए किसी दूसरे अकाउंट में शिफ्ट भी कर सकते हैं. ये सबसे सेफ तरीका है और इसके जरिए आप कार्ड खो जाने के बाद किसी भी तरह के फ्रॉड से 100 फीसदी बच सकते हैं.
- इंटरनेट, एप पर कोई भी बैंकिंग ट्रांजेक्शन करते वक्त सेव डिटेल्स के ऑप्शन को अनचेक ही रखें. कई बार ऐसा होता है कि आपके कार्ड की डिटेल्स ऑनलाइन सेव हो जाती है जिसके जरिए आपके कार्ड का सिर्फ सीवीवी डालकर ट्रांजेक्शन पूरा किया जा सकता है. तो इस ऑप्शन को कभी भी टिक ना करें. थोड़ी सी सहूलियत के बदले आपके बैंक खाते के पूरे पैसे के साफ होने का रिस्क कतई ना लें.
- अपने बैंकिंग एसएसएस अलर्ट को चालू रखें ताकि आपके कार्ड से होने वाले लेन-देन की जानकारी आपको मिलती रहे. ध्यान रखें कि आपके उस अकाउंट में किसी भी तरह का कोई क्रेडिट-डेबिट होने का मैसेज आपको मिलता है जो आपने ना किया हो तो तुरंत बैंक को इसकी जानकारी दें.
इसके अलावा आप एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए ये बातें भी ध्यान रखने वाली हैं
- एटीएम से पैसे निकालने या अन्य उपयोग के बाद कैंसिल बटन को जरूर दबाएं.
- बैंक में अपना मोबाइल नंबर और मेल एड्रेस जरूर दर्ज कराएं ताकि नकदी निकलने का अलर्ट एसएमएस और मेल से तुरंत मिले.
- लेन देन के लिए किसी अन्य को एटीएम कतई न दें.
- हर 2-3 महीने पर एटीएम-क्रेडिट पिन बदलते रहें.
एटीएम-क्रेडिट कार्ड प्रोटेक्शन प्लान्स
आजकर कई बैंक या इंडिविज्यूअल कंपनियां ऐसे कार्ड सेफ्टी प्लान लाईं है जिसमें आपके वॉलेट के लिए सुरक्षा कवर मिलेगा. कई बैंकों ने इस प्लान को अपने प्रोडक्ट्स के साथ जोड़ा है. अगर आप उस बैंक के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड होल्डर है तो बैंक आपको ये सुविधा देते हैं. लेकिन अगर आपके बैंक में ये सुविधा नहीं है तो अलग से भी प्लान ले सकते हैं. ये ऐसे कार्ड प्रोटेक्शन प्लान होते हैं जिसमें क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से संबधित धोखाधड़ी से सुरक्षा मिलती है. इसके जरिए अगर आपका कार्ड खो जाए, चोरी होने के बाद उससे फ्रॉड ट्रांजेक्शन हो जाए तो बैंक एक खास लिमिट तक आपको पूरा ट्रांजेक्शन का पैसा रिफंड करता है और आप विदेश या किसी ऐसी जगह हैं जहां आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़े तो कैश (कई बैंकों में 50000 रुपये) तक इंस्टेंट दिला देता है ताकि आप आर्थिक संकट में ना फंस जाएं.