लोग अपने सपनों का घर खरीदने के लिए सालों-साल मेहनत की कमाई से पाई-पाई जोड़ते हैं. दूसरी ओर ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है जो अपने घर का सपना देख रहे लोगों को ठगने के लिए जाल बिछाकर बैठे हुए हैं. एक ऐसा ही मामला खुला है मुंबई में, जिसमें बिल्डर ने करीब 150 लोगाों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया.


घर खरीदारों को इतने का चूना


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले में बेंगलुरू के एक बिल्डर को गिरफ्तार किया गया है, जिसका मुंबई के विरार में रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट था. गिरफ्तार व्यक्ति का नाम राजू सुलिरे बताया जा रहा है, जो मंदार हाउसिंग नामक रियल एस्टेट कंपनी का डाइरेक्टर है. उसके ऊपर आरोप है कि उसने 150 लोगों को 2 फ्लैट बेचकर उन्हें 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया.


पुलिस कर रही है मामले की जांच


आरोपी को मीरा भयंदर वसई विरार पुलिस कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया है. मुख्य आरोपी सुरिले के सहयोगी अविनाश ढोले, विपुल पाटिल, अलाहुद्दीन शेख और युसूफ खोटवाला अभी फरार हैं. पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि आरोपियों ने उन दो फ्लैट के अलावा अन्य प्रॉपर्टीज में भी खरीदारों को इसी तरह से चूना तो नहीं लगाया है.


इस दौरान फ्रॉड को दिया अंजाम


मंदार हाउसिंग के पास विरार और नालासोपारा में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट हैं. विरार वेस्ट के अरनाला पुलिस स्टेशन में कई पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई थी. बताया जा रहा है कि घर खरीदारों के साथ फ्रॉड के इन मामलों को 2011 से 2018 के बीच अंजाम दिया गया. आरोपियों ने दो या तीन फ्लैट ही करीब 150 संभावित खरीदारों को दिखाया. यहां तक कि उन्होंने सेल एग्रीमेंट भी कंप्लीट कर लिया.


पुलिस को हो रहा इस बात का शक


रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी पीड़ितों को न सिर्फ वही फ्लैट दिखाते थे, बल्कि डॉक्यूमेंट भी तैयार कर लेते थे. पीड़ितों का भरोसा जीतने के लिए आरोपी उन्हें प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी की स्थिति में ब्याज का प्रलोभन भी देते थे. पुलिस को अब इस बात का भी शक हो रहा है कि विरार और नालासोपारा के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के डॉक्यूमेंट भी फर्जी हैं.


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