सेविंग अकाउंट के लिए बैंकों में एक ब्याज दर निश्चित होती है. फिलहाल यह ब्याज दर 3 से 6 फीसदी के बीच है. क्या आप जानते हैं कि आप अपने बचत खाते पर तय ब्याज दर से अधिक ब्याज पा सकते हों. जी हां बैंक यह सुविधा भी देते हैं.
इस सुविधा को स्वीप इन फैसिलिटी कहा जाता है और ये कई बैंक देते हैं. जो बैंक यह सुविधा दे रहे हैं उनमें- एसबीआई, एचडीएफसी, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई जैसे कई बैंक शामिल हैं.
स्वीप इन फैसिलिटी क्या है?
स्वीप इन फैसिलिटी के तहत बचत खाते की जमा एक निश्चित सीमा के जब पार चली जाती है तो सरप्लस अमाउंट एफडी में बदल जाता है और इस FD के अमाउंट पर बैंक में एफडी के लिए तय ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलता है.
इस योजना से बचत खाता धारको डबल फायदा होता है. पहला- ग्राहक को बजत खाते की जमा पर तय ब्याज मिलता रहता है. इसके साथ ही स्वीप इन के तहत कन्वर्ट हुई एफडी पर उसके लिए तय ब्याज मिलने लगता है.
क्या होगा अगर बैलेंस तय लिमिट से कम हुआ
- स्वीप इन फैसिलिटी के तहत बनी एफडी तब तक चलेगी जब तक सेविंग अकाउंट में जमा तय लिमिट से ज्यादा रहेगा.
- बचत खाते का बैलेंस अगर तय लिमिट के अंदर आ गया तो स्वीप इन के तहत बनी FD खत्म हो जाएगी.
- पैसा फिर से बचत खाते में आ जाएगा और उस पर फिर सेविंग्स अकाउंट वाला ब्याज मिलने लगेगा. यह स्वीप आउट कहलाती है.
एक से ज्यादा एफडी
- स्वीप इन फैसिलिटी का एक फायदा यह भी है कि आप इसमें दो से ज्यादा एफडी करवा सकते हैं.
- इस योजना के तहत बनी FD के लिए भी एक तय डिपॉजिट लिमिट होती है.
- उस FD में उस लिमिट से ज्यादा पैसा नहीं जा सकता है.
- सरप्लस अमाउंट बढ़ते जाने पर आप एक से ज्यादा FD रख सकते हैं और ज्यादा ब्याज का लाभ उठा सकते हैं.
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