Xplained: जानें, क्यों एक दशक में ये दिवाली ऑटो सेक्टर के लिये सबसे फीकी रही?
Auto Sales Declines: नवरात्रि-दशहरा और धनतेरस दिवाली देश के ऑटो जगत के लिये बीते एक दशक में सबसे फीकी रही है. हर वर्ष फेस्टिव सीजन में रिकॉर्ड गाड़ियां बिका करती थी. इस बार ऐसा नहीं हुआ है.
Auto Sales Decline in Festive Season: त्योहारों का सीजन ( Festive Season) कई सेक्टर्स के लिये बेहद शानदार रहा है. लेकिन इस वर्ष नवरात्रि-दशहरा और धनतेरस दिवाली देश के ऑटो जगत (Auto Sector) के लिये बीते एक दशक में सबसे बुरा (Most Sluggish) रहा है. हर वर्ष नवरात्रि ( Navratri) के शुरु होने से लेकर दिवाली तक रिकॉर्ड गाड़ियां बिका करती थीं. लेकिन मांग में कमी के चलते ऑटो सेक्टर की दिवाली बेहद फीकी रही है.
ऑटो सेक्टर के लिये फीका फेस्टिव सीजन
फेस्टिव सीजन में बीते 30 दिनों में नई गाड़ियों ( New Vehicles) के रजिस्ट्रेशन ( Registration) में पिछले साल के मुकाबले जबरदस्त कमी आई है. खासतौर से उत्तरी भारत ( North India) में जहां सबसे ज्यादा त्योहारों के दौरान मांग में तेजी बनी रहती थी. पैसेंजर गाड़ियों ( Passenger Vechicle) की सप्लाई सेमीकंडक्टर चिप ( Semiconductor Chip) की कमी के चलते बाधित हुई है तो टूव्हीलर ( Two Wheeler) की मांग में कमी देखी गई है.
पैसेंजर व्हीकल सेल्स में बड़ी गिरावट
जानकारों के मुताबिक बीते 30 दिनों में पैसेंजर गाड़ियों की सेल्स में एक तिहाई फीसदी की कमी आई है. पिछले साल जहां 4,55,000 यूनिट्स की डिलिवरी हुई थी वहीं इस वर्ष ये संख्या केवल 305,000 रही है. देश में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की संख्या बताने वाले सरकार के वाहन पोर्टल ( Wahan Portal) के मुताबिक 2020 में जहां 309,916 गाड़ियों की सेल्स हुई थी जो 2021 में घटकर 238,776 रही है यानि 22 की गिरावट. टूव्हीलर का रजिस्ट्रेशन जहां बीते साल के मुकाबले 11 फीसदी की कमी आई है. तो ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन में 13 फीसदी की कमी आई है, जो संकेत दे रहा है कि देश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था ( Rural Economy) में सकंट बरकरार है. हालांकि दिवाली के करीब हुई सेल्स का पूरा आकंड़ा आना अभी बाकी है.
सेमीकंडक्टर की कमी से सप्लाई बाधित
सेल्स में गिरावट की मुख्य वजह जहां सेमीकंडक्टर की कमी रही जिसके चलते गाड़ियों की सप्लाई - उत्पादन पर असर पड़ा है तो लगातार महंगा हो रहा पेट्रोल-डीजल, आसमान छूती महंगाई और कोरोना के डर के बरकरार रहने के चलते लोग गाड़ियां खरीदने से परहेज कर रहे हैं क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च है. जिसके चलते एंट्री लेवल गाड़ियां और टूव्हीलर की सेल्स भी प्रभावित हुई है. वहीं SUVs और लग्जरी व्हीकल्स की सेल्स के आंकड़े बेहद शानदार रहे हैं. इनकी मांग जबरदस्त थी लेकिन चिप की कमी के चलते सप्लाई बाधित रही है.
उत्तर प्रदेश में बढ़ी मांग
वाहन पोर्टल के मुताबिक उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा बड़ा राज्य है जहां गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में 3.5 फीसदी की तेजी रही है. लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जहां हर वर्ष सबसे ज्यादा सेल्स देखी जाती थी वहां 6-9 फीसदी की गिरावट आई है. बिहार, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में गाड़ियों के सेल्स में 15 से 22 फीसदी की कमी आई है. हालांकि फेस्टिव सीजन में हेवी व्हीकल्स के सेल्स में 88 फीसदी तो थ्री व्हीलर के सेल्स में 67 फीसदी की बढ़ोतरी आई है.
यह भी पढ़ें: