महंगाई की मार से पहले ही परेशान आम लोगों के ऊपर अब मौसम की मार पड़ने वाली है. देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतों में तेज इजाफा करा सकती है. यह खतरा ऐसे समय उपस्थित हुआ है, जब पहले से टमाटर की कीमतें काफी बढ़ी हुई हैं.
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का असर
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश आम लोगों की जेब पर सीधा असर डाल सकती है और उसके चलते लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा सकता है. रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से टमाटर की खुदरा कीमतें 100 रुपये किलो के पार निकल सकती हैं.
पिछले महीने यहां तक गया था भाव
दिल्ली में टमाटर की कीमतें इस सीजन में एक बार शतक लगा चुकी हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पिछले महीने बताया था कि दिल्ली के खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें 100 रुपये किलो पर पहुंच गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मदर डेयरी के रिटेल आउटलेट सफल पर टमाटर कल 100 रुपये किलो के भाव से बिक रहा था. वहीं सफल आउटलेट से इतर के असंगठित खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें 100 से 120 रुपये किलो तक पहुंच गई थीं.
अभी खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें
हालांकि बाद में सरकार के प्रयासों से टमाटर की कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिली. सरकार ने एनसीसीएफ जैसी सहकारी एजेंसियों की मदद से दिल्ली में कई जगहों पर टमाटर को रियायती दर पर उपलब्ध कराना शुरू किया, जिससे कीमतें कुछ हद तक कम हुईं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमतें 70 रुपये किलो के आस-पास चल रही हैं, जबकि आर्थिक राजधानी मुंबई में खुदरा भाव 80 रुपये किलो है.
फिर से 100 रुपये के पार जाने की आशंका
नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्युमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) के द्वारा दिल्ली में कई जगहों पर 60 रुपये किलो के रियायती भाव पर टमाटर भेजा जा रहा है. एनसीसीएफ की पहल से कीमतें काबू में तो आई हैं, लेकिन बारिश के चलते भाव फिर 100 रुपये के पार निकलने का खतरा मंडरा रहा है. व्यापरियों को आशंका है कि टमाटर जल्दी ही दोबारा शतक लगा सकता है.
पिछले साल इतना महंगा हुआ था टमाटर
टमाटर की कीमतों में हर बार साल के इन महीनों के दौरान तेजी देखी जाती है. पिछले साल तो स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब हो गई थी टमाटर के भाव खुदरा बाजार में 350 रुपये किलो तक पहुंच गए थे. उसके बाद सरकार ने सहकारी एजेंसियों की मदद से कई शहरों में रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू किया था.
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