मानसून के साथ देश भर में हो रही भारी बारिश ने जहां एक ओर लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर लोगों की जेब पर बोझ बढ़ने का डर भी खड़ा हो गया है. खासकर रसोई के मामले में लोगों का खर्च बढ़ने वाला है. रसोई में आलू-प्याज के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले टमाटर के भाव बीते कुछ दिनों में आसमान पर पहुंच गए हैं.


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, टमाटर की खुदरा कीमतें बीते कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी हैं और अभी 80 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बारिश के चलते टमाटर की आपूर्ति में रुकावट आई है, जिससे कुछ खुदरा बाजारों में टमाटर 80 रुपये किलो के भाव से बिकने लगा है.


सरकारी आंकड़ों में टमाटर के भाव


हालांकि सरकारी आंकड़ों में टमाटर के भाव इस कदर नहीं बढ़े हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, टमाटर की दैनिक औसत खुदरा कीमतें 3 जुलाई को 55 रुपये प्रति किलो हो गईं, जो एक महीने पहले 35 रुपये किलो थीं.


इस कारण टमाटर के भाव में आई तेजी


टमाटर की कीमतों में अचानक आ रही तेजी के लिए भारी बारिश को जिम्मेदार बताया जा रहा है. मानसून के छाने के बाद देश भर में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. उसके चलते हिमाचल प्रदेश में कई सड़कें टूट गई हैं. सड़कों का नेटवर्क खराब होने से हिमाचल प्रदेश से कई खुदरा बाजारों तक टमाटर की जाने वाली आपूर्ति रुक गई है, जो भाव बढ़ा रहा है.


ठीक नहीं है मौसम विभाग का अनुमान


हिमाचल प्रदेश भारत में टमाटर का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्यों में एक है. भारतीय मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई तक भारी बारिश होने वाली है. मौसम विभाग ने पर्वतीय राज्य में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की आशंकाएं भी जाहिर की हैं, जिससे सड़क नेटवर्क और यातायात पर सीधे असर हो सकता है. वहीं भारी बारिश से टमाटर की फसल को भी नुकसान हो सकता है. मतलब आने वाले दिनों में टमाटर के भाव और बढ़ने की आशंका है.


पिछले साल इतना चढ़ गया था भाव


टमाटर की कीमतों में बारिश के सीजन में आम तौर पर हर साल तेजी आती है. पिछले साल तो स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब हो गई थी टमाटर के भाव 350 रुपये किलो तक पहुंच गए थे. उसके बाद सरकार ने सहकारी एजेंसियों की मदद से कई शहरों में रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू किया था.


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