Tomato-Onion Price: देश में टमाटर की कीमत उच्च स्तर पर हैं. देश के कई जगहों पर एक किलो टमाटर की कीमत 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है. इस बीच, सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही टमाटर की कीमतें स्थिर हो जाएंगी. साथ ही प्याज की कीमतें ज्यादा नहीं हो इसके लिए पहले से तैयारी कर रही है.
केंद्र को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतें कम हो जाएंगी. CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि हर साल जून-जुलाई में मौसमी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी के बाद फसल की शुरुआत के दौरान अगस्त में कम हो जाती हैं. टमाटर की कीमतें कुछ समय में कम हो जाएंगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जून से अगस्त और अक्टूबर से नवंबर में टमाटर का कम उत्पादन होता है.
क्यों बढ़ी टमाटर की कीमतें
उपभोक्ता मामले के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली एनसीआर को कीमतें कम होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश से ताजा उपज कुछ दिनों में इस क्षेत्र में पहुंचने की उम्मीद है. उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण टमाटर के दाम में इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि मौसम की गड़बड़ी के कारण टमाटर की आपूर्ति में बाधा आती है.
जल्द खराब होने के कारण भी बढ़ी कीमतें
सचिव ने कहा कि टमाटर के जल्दी खराब होने को मौसमी कीमतों में बढ़ोतरी का एक और कारण बताया है. सरकार ने टमाटर के पूर्व उत्पादन, कटाई, भंडारण और मूल्य निर्धारण के लिए लागत को लेकर एक हैकथॉन 'टमाटर ग्रैंड चैलेंज 2023' लॉन्च किया है.
बढ़ रहीं प्याज की कीमतें
रोहित कुमार सिंह ने यह भी कहा कि हाल ही में देश के कुछ हिस्सों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है. उन्होंने बताया कि प्याज की कीमतें बढ़ने का कारण महाराष्ट्र के लासलगांव में भारत की सबसे बड़ी प्याज मंडी में कीमतें बढ़ना है. सीजन के शुरुआत में आपूर्ति की अधिकता के कारण कीमतें बहुत कम थीं, जिसके कारण हाल ही में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि डेढ़ साल से प्याज की खुदरा कीमत 35 रुपये से 36 रुपये प्रति किलो से ज्यादा नहीं बढ़ी है. सरकार बफर के रूप में 3 लाख टन प्याज भी खरीद रही है.
प्याज स्टोर के लिए 13 आइडिया को किया शॉर्टलिस्ट
केंद्र ने प्याज स्टोर के लिए लागत प्रभावी प्रक्रियाएं विकसित करने के लिए 13 आइडिया को भी शॉर्टलिस्ट किया है. जबकि बेंगलुरु में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने औद्योगिक अपशिष्ट जल को प्याज के छिलकों के माध्यम से फ़िल्टर करके इसे कृषि के लिए उपयोग करने योग्य बनाने का प्रस्ताव दिया है.
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