Tomato Prices: महंगे टमाटर ने बिगाड़ा रसोई का बजट, फिलहाल महंगे टमाटर से राहत के आसार नहीं
Tomato Prices To Remain High: महंगे टमाटर से आम लोगों को अगले कुछ महीनों तक राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि टमाटर की फसल आने में अभी 3 महीने से ज्यादा का समय है.
Tomato High Prices: टमाटर की कीमतें आपको लाल करे देंगी और महंगे टमाटर से आने वाले समय में राहत मिलने वाली नहीं है. टमाटर की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है. एक तो आटा, से लेकर गेंहू, खाने का तैल वैसे ही महंगा होता जा रहा था अब टमाटर के दाम भी बढ़ने लगे हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डाटा के मुताबिक 1 जून 2022 यानि बुधवार को देश में टमाटर का अधिकत्तम मुल्य 125 रुपये प्रति किलो और औसत मुल्य 52.31 था. वहीं खुदरा बाजार में टमामटर 60 से 70 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. बीते एक महीने में टमाटर 70 फीसदी से ज्यादा महंगा हो गया है.
टमाटर की महंगाई सताएगी
जानकारों की मानें तो महंगे टमाटर से आम लोगों को अगले कुछ महीनों तक राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि टमाटर की फसल आने में अभी 3 महीने से ज्यादा का समय है. ऐसे में टमाटर की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है. महंगा टमाटर के चलते रसोई का बजट बिगड़ना तय है क्योंकि दाल में तड़का लगाने से लेकर सब्जी, बिरयानी बनाने के लिए टमाटर की दरकार होती है.
खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड पर
खाने पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ( High Food Prices) और महंगे ईंधन ( High Fuel Prices ) के चलते अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Data) का आंकड़ा 18 महीने के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. अप्रैल 2022 में में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation ) 7.79 फीसदी रहा है. इससे पहले 7 फीसदी से ज्यादा खुदरा महंगाई दर सितंबर 2020 में 7.34 फीसदी रहा था. अप्रैल में खाद्य महंगाई दर 8.38 फीसदी रही है. खाने के तेल, साग-सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते महंगाई बढ़ी है.
महंगे टमाटर से चुनावी नुकसान!
इस महंगाई से जहां आम लोगों के घर का बजट बिगड़ा रहा है वहीं सरकार के सामने नई चुनौतियां पैदा हो गई है. सरकार ने महंगाई पर नकेल कसने के लिए गेंहू और चीनी के निर्यात पर रोक लगाया है. महंगाई पर नकेल कसने के लिए आरबीआई ने मई के पहले हफ्ते में कर्ज महंगा कर दिया जिससे लोगों की ईएमआई महंगी होती जा रही है यानि महंगाई की दोहरी मार. टमाटर की कीमतों में उछाल नहीं थमी तो गुजरात, हिमाचल प्रदेश में आने वाले चुनावों में सत्ताधारी दल को नुकसान भी हो सकता है.
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