Tomato Price Cut: देश में अभी भी टमाटर की कीमत उच्च स्तर पर बने हुए हैं. देश के ज्यादातर हिस्सों में टमाटर 150 रुपये प्रति किलो से ज्यादा बिक रहा है. ऐसे में सरकार टमाटर की कीमतों में कमी लाने के लिए निरंतर प्रयास में है. अब टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) ने एक खास कदम उठाने की तैयारी में है. इससे टमाटर की कीमत में कमी आएगी.
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) टमाटर की कीमतों में और कमी लाने के लिए सप्ताहांत में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगभग 60 टन टमाटरों का निपटान करने की तैयारी कर रहा है. इसमें नेपाल से भी 10 टन टमाटर का आयात किया जाएगा. गौरतलब है कि जुलाई के आखिरी सप्ताह से टमाटर की कीमतों में फिर से उछाल आने के बाद ऐसा कदम उठाया गया है.
इस साल बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में टमाटर की खरीद और इसके परिणामस्वरूप आपूर्ति चेन में रुकावट आई थी. टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 23 जुलाई को रिटेल मार्केट में घटकर 116.73 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई और 24 जुलाई से फिर से बढ़ना बढ़ना शुरू हो गई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 11 अगस्त को टमाटर की कीमत 124.43 रुपये प्रति किलो थी.
15 अगस्त से पहले की योजना
एनसीसीएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि 15 अगस्त से पहले दिल्ली एनसीआर में 70 वैन तैनात करने की योजना बना रहे हैं और सप्ताह में सामान्य 10 से 15 टन के मुकाबले करीब 60 टन टमाटर बेचने का लक्ष्य रखा गया है. लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल से आयात किया जाने वाला टमाटर लखनऊ, कानपुर और वाराणसी के बाजारों में भी भेजा जाएगा.
क्यों अभी भी बढ़ रही कीमतें
टमाटर की कीमत देशभर में बढ़ने का मुख्य कारण आपूर्ति प्रभावित होना है. भीषण गर्मी और बेमौसम बारिश ने हिमाचल प्रदेश समेत कई जगहों पर टमाटर की फसल को नष्ट किया है. जुलाई के पहले सप्ताह में भारी बारिश के कारण खेतों में फसलें नष्ट हुई हैं, जिससे आपूर्ति प्रभावित हुई है. हालांकि कर्नाटक में इसका उत्पादन पिछले साल की तुलना मे ज्यादा होने का अनुमान है.
थोक बाजार में टमाटर की कीमत
लखनऊ के थोक बाजारों में ए-ग्रेड टमाटर की कीमतें अभी भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर चल रही हैं, जबकि कानपुर, वाराणसी और जयपुर मार्केट में कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे हैं. एनसीसीएफ का लक्ष्य खुदरा कीमतों को 100 रुपये से नीचे लाने का है.
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