Employment: आप युवा हैं और करियर बनाने जा रहे हैं. आपको सूझ नहीं रहा है कि क्या करें. ऐसा ही उन अभिभावकों के लिए भी हैं जिनके घर के बच्चे आगामी कुछ सालों में रोजगार के बाजार के लिए तैयार होने में जुटे हैं. बस, ऐसे लोगों के भविष्य के ताले की सुनहरी चाबी मिल गई है. यह चाबी है टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की. इन सेक्टर्स में आने वाले दिनों में इतनी नौकरियां मिलेंगी कि ढूंढ़ने से भी कुशल युवाओं की कमी नहीं पूरी होगी. उद्योग संगठन यानी कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) और कंसल्टेंसी कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग (EY) की ओर से तैयार रिपोर्ट से इसका खुलासा होता है.


2036-37 तक मिलेंगी 61 लाख नौकरियां


कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) और कंसल्टेंसी कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग (EY) की रिपोर्ट के मुताबिक, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 2036-37 तक 61 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी. इन्हें पाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग, सस्टेनेबल टूरिज्म और ग्राहक सेवाओं से संबंधित स्किल में स्पेशलाइजेशन की जरूरत होगी. इस रिपोर्ट में टूरिज्म इंप्लामेंट इंडेक्स जारी करने का प्रस्ताव दिया गया है. ताकि रोजगार के रुझान और वर्कफोर्स तैयार करने के एक्शन प्लान पर लगातार नजर बनाकर रखा जा सके. 


आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में होगी अहम भूमिका


सीआईआई के 18वें सालाना टूरिज्म समिट में इस बात पर जोर दिया गया कि आने वाले दिनों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की अहम भूमिका होगी. फिलहाल टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी भारत के कुल रोजगार में से आठ फीसदी का योगदान देता है. कोरोना के झटकों के बावजूद घरेलू पर्यटन के मोर्चे पर आई उछाल के कारण यह सेक्टर इस स्थिति तक आगे बढ़ा है. 2036-37 तक इस सेक्टर में रोजगार के सवा दो गुना होने के अनुमान हैं. नई 61 लाख नौकरियों में से 46 लाख पुरुषों और 15 लाख महिलाओं के लिए होंगी. इससे वर्कफोर्स में विस्तार के साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. इससे खास सीजन में गिग इकोनॉमी के सहारे क्वालिटी सर्विस देने के नेटवर्क का विस्तार होगा.


ये भी पढ़ें


Gold Import Data: नवंबर में सोने के रिकॉर्ड इंपोर्ट का डेटा नहीं है 24 कैरेट गोल्ड जैसा? क्यों सरकार अपने ही आंकड़े को बता रही गलत