Stock Market: शेयर बाजार में कमजोर रुख के बीच देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों का संयुक्त रूप से मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले हफ्ते 2.09 लाख करोड़ रुपये घट गया. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. साप्ताहिक आधार पर बीएसई के 30 शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स में 1,145.23 अंक यानी 1.93 फीसदी की गिरावट रही. रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 67,722.33 करोड़ रुपये घटकर 15,04,001.93 करोड़ रह गया.


TCS के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा गिरावट


वहीं टीसीएस का मार्केट कैपिटलाइजेशन 55,654.17 करोड़ रुपये घटकर 11,63,194.14 करोड़ रुपये रह गया. इन्फोसिस का मार्केट कैपिटलाइजेशन 21,250.8 करोड़ रुपये घटकर 5,97,905.17 करोड़ रुपये रह गया. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मार्केट कैपिटलाइजेशन 16,108.93 करोड़ रुपये घटकर 4,72,290.46 करोड़ रुपये जबकि आईटीसी का मूल्यांकन 15,226.12 करोड़ रुपये घटकर 4,66,696.21 करोड़ रुपये रह गया.


भारती एयरटेल का मार्केट कैप भी लुढ़का


प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल का मार्केट कैपिटलाइजेशन 9,053.44 करोड़ रुपये घटकर 4,22,177.07 करोड़ रुपये जबकि एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 8,982.11 करोड़ रुपये घटकर 8,77,318.09 करोड़ रुपये रह गया. एचडीएफसी लिमिटेड का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 8,063.79 करोड़ रुपये घटकर 4,69,460.45 करोड़ रुपये रह गया.


ICICI Bank और HUL के बाजार मूल्यांकन में गिरावट


निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4,396.91 करोड़ रुपये घटकर 5,83,983.07 करोड़ रुपये जबकि हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (एचयूएल) का मूल्यांकन 3,465.65 करोड़ रुपये घटकर 5,75,273.92 करोड़ रुपये पर आ गया.


रिलायंस है सबसे मूल्यवान कंपनी


देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में रिलायंस का स्थान बरकरार रहा. इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, एसबीआई, एचडीएफसी, आईटीसी और भारती एयरटेल रहीं.


एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 17 मार्च को कारोबार समाप्त होने के बाद इस महीने इक्विटीज में एफपीआई का अब तक का निवेश 11,495 करोड़ रुपये है. इससे पहले 10 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के बाद मार्च महीने के दौरान एफपीआई के निवेश का आंकड़ा 13,450 करोड़ रुपये था. इसका मतलब हुआ कि इस सप्ताह यानी 13 मार्च से 17 मार्च के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजार से 7,953.68 करोड़ रुपये की निकासी की, जिसके कारण उनके शुद्ध निवेश में 2,045 करोड़ रुपये की कमी आई.


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