Hurun List: अडानी को तगड़ा नुकसान, इन कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा, टॉप-500 कंपनियों की कम हुई वैल्यू
Top Indian Corporates: पिछले 6 महीने के दौरान भारत की टॉप-500 कंपनियों की वैल्यू में गिरावट आई है. अडानी समूह की कंपनियों का नाम सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वालों में शामिल है...
भारतीय कंपनियों के लिए पिछले कुछ महीने ठीक नहीं साबित हुए हैं. इस दौरान भारत की टॉप कंपनियों की वैल्यू में गिरावट आई है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2023 के दौरान भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
इतनी कम हुई टॉप-500 की वैल्यू
हुरून इंडिया की बरगंडी प्राइवेट हुरून इंडिया 500 रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू 30 अक्टूबर 2022 को 227 लाख करोड़ रुपये थी, जो अप्रैल 2023 में कम होकर 212 लाख करोड़ रुपये रह गई. इस तरह से इन छह महीनों के दौरान देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू में 6.4 फीसदी की गिरावट आई.
ये हैं तीन सबसे मूल्यवान कंपनियां
रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज 16.3 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी है. उसके बाद 11.8 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ टीसीएस और 9.4 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ एचडीएफसी बैंक क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है. टॉप-3 कंपनियों को देखें तो पिछले छह महीने में रिलायंस की वैल्यू कम हुई है, जबकि टीसीएस और एचडीएफसी बैंक की वैल्यू बढ़ी है. छह महीने पहले इनकी वैल्यू क्रमश: 17.3 लाख करोड़ रुपये, 11.6 लाख करोड़ रुपये और 8.3 लाख करोड़ रुपये थी.
इन्हें हो गया जबरदस्त लाभ
इन छह महीनों में सबसे ज्यादा फायदा एचडीएफसी बैंक, आईटीसी और एचडीएफसी को हुआ है. एचडीएफसी बैंक की वैल्यू 1.1 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है. हालांकि फीसदी के हिसाब से सबसे ज्यादा फायदा जिंदल स्टेनलेस को हुआ है. इसकी वैल्यू बीते छह महीने में 213 फीसदी बढ़ी है. दूसरे स्थान पर लॉयड मेटल्स एंड एनर्जी है, जिसकी वैल्यू में 93 फीसदी की तेजी आई है. वैल्यू के हिसाब से सबसे आगे एचडीएफसी बैंक की वैल्यू इस लिहाज से करीब 13 फीसदी बढ़ी है.
टॉप-10 कंपनियों की इतनी वैल्यू
आलोच्य महीनों के दौरान देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू लगभग स्थिर रही है. इन 10 कंपनियों की वैल्यू 71.4 लाख करोड़ रुपये है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के 37 फीसदी के बराबर है. वहीं देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में सिर्फ 10 सबसे बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 34 फीसदी है.
अडानी की कंपनियों को भारी नुकसान
इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान अडानी समूह की कंपनियों को हुआ है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी समूह को इस कदर नुकसान पहुंचाया है कि इसकी एक भी कंपनी टॉप-10 में नहीं है. पिछली बार की लिस्ट में अडानी समूह की 2 कंपनियां अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी टोटल गैस टॉप-10 में रही थीं. इस दौरान अडानी टोटल गैस की वैल्यू 73.8 फीसदी कम होकर 1.04 लाख करोड़ रुपये रह गई है. अडानी ट्रांसमिशन की वैल्यू में करीब 70 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि अडानी ग्रीन की वैल्यू 55 फीसदी कम हुई है.
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