नई दिल्ली: अधिकांश इन्वेस्टर इस तरह से इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं कि उन्हें निवेश किए गए मूल धन को खोने के जोखिम के बिना जितनी जल्दी हो सके हाई रिटर्न मिले. यही कारण है कि कई इन्वेस्टर हमेशा ऐसी शीर्ष निवेश योजनाओं की तलाश में रहते हैं, जहां वे कुछ महीनों या सालों में अपने पैसे को डबल कर सकते हैं, जिसमें कोई जोखिम नहीं है.


हालांकि, यह एक तथ्य है कि कम रिस्क और हाई रिटर्न देने वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट मौजूद नहीं हैं. वास्तव में, रिटर्न जितना अधिक है, रिस्क उतना ही ज्यादा है. इसलिए, इन्वेस्टमेंट एवेन्यू का चयन करते समय आपको निवेश करने से पहले प्रोडक्ट के साथ जुड़े जोखिमों के साथ अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल का मिलान करना होगा.


दो बकेट्स हैं जो इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में आती हैं- फायनेंशियल एंड नॉन फाइनेंशियल असेट्स. फायनेंशियल असेट्स को बाजार से जुड़े उत्पादों (जैसे स्टॉक और म्यूचुअल फंड) और निश्चित आय उत्पादों (जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट) में विभाजित किया जा सकता है. नॉन फाइनेंशियल असेट्स- अधिकांश भारतीय इस मोड के माध्यम से निवेश करते हैं, इसमें सोना और रियल एस्टेट शामिल है.


यहां हम आपको टॉप इन्वेस्टमेंट एवेन्यू के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपको बचत के लिए नज़र रखनी चाहिए.


बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)


भारत में निवेश के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सुरक्षित विकल्प है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के नियमों के तहत, बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को मूल और ब्याज राशि दोनों के लिए अधिकतम 1 लाख रुपये तक का बीमा किया जाता है. जरूरत के मुताबिक कोई भी व्यक्ति मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या संचयी ब्याज विकल्प चुन सकता है.


नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)


लोगों अपने कामकाजी दिनों के बाद आने वाले रिटायरमेंट की बड़ी फिक्र होती है. वो ऐसी जगह निवेश करना चाहता है जहां उन्हें रिटायरमेंट के बाद इतनी राशि मिलती रहे जो उनके खर्चों को पूरा करने में सक्षम हो सके. ऐसी ही जरूरतों को पूरा करने के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक अच्छा विकल्प है. एनपीएस खाते 2 प्रकार के होते हैं जिनमें टियर 1 और टियर 2 खाते के जरिए आप निवेश ऑप्शन चुन सकते हैं. एनपीएस के टियर 1 खातों में से 60 साल की उम्र तक आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं और टियर 2 खाते आम बचत खाते की तरह होते हैं जहां से आप कोई जरूरत पड़ने पर उसमें से पैसा निकाल सकते हैं.


पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)


छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय विकल्प है. पीपीएफ खातों पर आप करीब 8 फीसदी की दर से ब्याज दरों का फायदा उठा सकते हैं. पीपीएफ खातों में आप इस तरह से भी निवेश कर सकते हैं कि आपको तगड़ा ब्याज मिल सकता है.


इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)


ELSS में पिछले 3 साल में करीब 19 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला है और इस लिहाज से ये निवेश के लिए काफी अच्छी स्कीम मानी जाती है लेकिन इसमें थोड़ा ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि इसमें इक्विटी के आधार पर पैसा लगता है जो शेयर बाजार से संबंधित होता है.


Real Estate


जिस घर में आप रहते हैं वह आत्म-उपभोग के लिए है और इसे कभी भी निवेश नहीं माना जाना चाहिए. यदि आप इसमें इन्वेस्टमेंट का इरादा रखते हैं तो आपके द्वारा खरीदी गई दूसरी संपत्ति आपका निवेश हो सकती है. संपत्ति में निवेश दो तरह से रिटर्न देता है. इससे आपकी पूंजी भी बढ़ती है और आप किराया भी कमा सकते हैं.


सोना (Gold)


ज्वैलरी के रूप में सोने को रखने की अपनी सुरक्षा और लागत जैसी चिंताएं हैं. फिर 'मेकिंग चार्जेस' है जो आमतौर पर सोने की लागत के 6-14 प्रतिशत के बीच होता है (और विशेष डिजाइन के मामले में यह 25 प्रतिशत तक हो सकता है). इसलिए सोने के सिक्के खरीदना निवेश के तौर पर अभी भी एक बेहतर विकल्प है. इसके अलावा शेयर बाजार में भी सोने को लेकर कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं.