Anil Amabni Company Reliance Capital: भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल कंपनी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अनिल अंबानी की कंपनी के दूसरे राउंड की बोली से बड़ी कंपनी ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. टोरेंट इंवेस्टमेंट ने कर्जदाता बैंकों को जानकारी दी है कि वह रिलायंस कैपिटल के दूसरे राउंड की बोली के लिए तैयार नहीं है और रिलायंस कैपिटल की दूसरे दौर की नीलामी में शामिल नहीं होगा.
टोरेंट इंवेस्टमेंट के पीछे हटने से एकमात्र बोलीदाता हिंदुजा ही बचा है, जिस कारण रिलायंस कैपिटल की बिक्री को लेकर कर्जदाता बैंकों को बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है. दूसरे दौर की नीलामी ज्यादा फंड प्राप्त करने के उद्देश्य से लाया गया था. ऐसे में कर्जदाताओं का ये प्लान फेल हो सकता है.
टोरेंट इंवेस्टमेंट ने किया था विरोध
टोरेंट इंवेस्टमेंट की ओर से रिलायंस कैपिटल के दूसरे दौर की नीलामी को लेकर विरोध किया गया था, जिसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और हाल ही के सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दौर की नीलामी की अनुमति दे दी थी.
पुराने ऑफर पर बन सकती है बात
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, टोरेंट इंवेस्टमेंट दूसरे राउंड की नीलामी से बाहर होना चाहता है, जिस कारण वे इसमें शामिल नहीं होगा. रिलायंस कैपिटल के लेनदारों की समिति को कंपनी ने जानकारी दी है कि अभी भी वे आॅक्शन में आ सकते हैं, लेकिन इसके लिए पुराने बोली पर ही सहमति देनी होगी. टोरेंट इंवेस्टमेंट ने पहले नीलामी के दौरान 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
लेनदार क्या कर रहे विचार
टोरेंट इंवेस्टमेंट के इस ऑफर पर लेनदारों की समिति की सहमति नहीं बन सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सर्वोच्च अदालत के फैसले के भी खिलाफ होगा और पुराने ऑफर को एक्सेप्ट करने पर ज्यादा फंड मिलने की उम्मीद नहीं रहेगी.
पहले दौर की नीलामी के दौरान टोरेंट ने 8,640 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने की पेशकश की थी, जबकि हिंदुजा ने 8,950 करोड़ रुपये की पेशकश की है, जिसमें 8,110 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान शामिल है.
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