नई दिल्लीः कोरोना के चलते दुनिया पर ऐसा असर देखने को मिल सकता है जो कभी नहीं देखा गया. कोरोना के चलते कई देशों में लॉकडाउन हुआ जिसका असर दशकों तक रह सकता है, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने ये चेतावनी दी है.
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने आशंका जताई गई है कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ेगी जिसका युवा कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 29 साल से कम उम्र के हर छह में से एक व्यक्ति का काम बंद हो गया है. महिलाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
आईएलओ के मुताबिक इसका असर भविष्य की संभावनाओं पर भी पड़ सकता है. संगठन ने युवाओं की मदद के लिए तत्काल और बड़े पैमाने पर मदद के लिए योजनाएं चलाए जाने की अपील की है.
वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट
इसके अलावा यूएन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट ये बता रही है कि नौकरियों पर कैसे खतरा आ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल दुनिया भर के पर्यटन कारोबार में 70 फीसदी की गिरावट आएगी. आसान शब्दों में कहे तो इस साल टूरिज्म सेक्टर तबाह हो जाएगा.
इससे पहले की आपातकालीन स्थितियों में पर्यटन उद्योग में दस से बीस फीसदी की गिरावट आई थी. इसका असर उन देशों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा तो टूरिज्म सेक्टर पर बहुत निर्भर करते हैं. अंदाजा लगाया गया है कि इस साल सैलानी कार, ट्रेन की बजाए एयरोप्लेन पर सफर करेंगे. ग्रीन कॉरिडोर में कुछ पर्यटक आ सकते हैं.
दुनिया भर के पर्यटन कारोबार पर असर आने का मतलब है कि इससे जुड़े अन्य उद्योगों पर भी बुरा असर देखा जाएगा. होटल इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री आदि के रेवेन्यू बेहद तेजी से घटेंगे और सरकारों के पास इनको बचाए रखने के लिए तेज कदम उठाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा.
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