Toys Imports: खिलौनों के इंपोर्ट पर कस्टम डिपार्टमेंट की कड़ी नज़र, बिना BIS मार्क वाले टॉयज और पार्ट्स पर कार्रवाई
Toys Import Rules: भारत में बड़ें पैमाने पर चीन से हर साल खिलौने इंपोर्ट किए जाते हैं. ऐसे में सरकार के आदेश पर कस्टम डिपार्टमेंट इन खिलौनों की गुणवत्ता पर पैनी नजर बनाकर रखें हुए हैं.
Toys Import Rules in India: भारत में बड़े पैमाने पर विदेश से खिलौने मंगाए जाते हैं. ऐसे में कस्टम डिपार्टमेंट (Custom Department) इन खिलौनों पर पैनी नजर रखे हुए हैं. पिछले कुछ दिनों में खराब क्वालिटी और सेफ्टी नॉर्म्स का दरकिनार करके बनाए गए कई खिलौनों को डिपार्टमेंट ने जब्त कर लिया था. इसमें बड़ी संख्या चीन से आयात किए गए खिलौने शामिल है. इससे देश में खिलौने की क्वालिटी को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और लोकल व्यापारियों को इसे बढ़ावा मिलेगा.
केवल खिलौने नहीं पार्ट्स पर रखी जा रही है नजर
कस्टम डिपार्टमेंट केवल खिलौने ही नहीं इसके पार्ट पर भी पैनी नजर बनाकर रखे हुए है जिसे भारत में लाकर एसेंबल किया जाता है. सरकार ने जनवरी में ही यह साफ कर दिया था कि अगर किसी खिलौने में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का क्वालिटी मार्के नहीं मिलता है तो इस तरह के माल को जब्त कर लिया जाएगा. इसके बाद की कार्रवाई में देशभर के कई एयरपोर्ट और मॉल से कई स्टोर्स से 18,000 से भी ज्यादा खिलौने जब्त कर लिए गए थे. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग खिलौने को विदेशों से मंगवा कर यह एसेबल करते हैं. ऐसे में भारतीय मानक ब्यूरो ने यह साफ कर दिया है कि खिलौने के पार्ट्स को भी खिलौना ही समझा जाएगा और इस पर भी वह सारे नियम लागू होंगे जो खिलौने के आयात पर लागू किए जाते हैं.ऐसे में अगर इन पार्ट्स पर अगर BIS मार्क नहीं पाया जाता है तो ऐसे में उसे जब्त कर लिया जाएगा.
खिलौनों के लिए BIS मार्क है जरूरी
गौरतलब है कि सरकार ने राष्ट्रीय मानक स्थापित करने वाली संस्था भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा खिलौनों को 1 जनवरी, 2021 से सर्टिफाइड करना अनिवार्य कर दिया था. ऐसे में अगर विदेशों से कोई भी खिलौना भारत इंपोर्ट होता है तो ऐसे में कंपनी को खिलौने के लिए BIS सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है.
खिलौनों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर हुई 70 फीसदी
बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) में ऐलान किया था कि विदेशी खिलौने और उनके पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के पीछे सरकार का यह मकसद है कि देश में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ें और लोकल खिलौनों की बिक्री बढ़े, इसके अलावा सरकार का खजाना इंपोर्ट ड्यूटी के कारण भर सके.
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