India China Trade: भारत-चीन व्यापार घाटा इस वित्त वर्ष में अबतक 51.5 बिलियन डॉलर रहा, सरकार ने दी जानकारी
India-China Trade: सरकार के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस वित्त वर्ष में भारत-चीन व्यापार घाटा 51.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
India-China Trade Relations: भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा (Trade Deficit) में इस वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक 51.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. सरकार ने इसकी जानकारी संसद को दी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मामले पर जानकारी देते हुए संसद को बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में यह व्यापार घाटा इस अवधि में 44.03 बिलियन डॉलर था. पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 73.31 बिलियन डॉलर हो गया था. वहीं इस वित्त वर्ष में यह अबतक 51.5 बिलियन डॉलर रहा है.
जानें भारत-चीन के बीच कितना हुआ आयात-निर्यात
सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक भारत-चीन के बीच 60.27 बिलियन डॉलर का आयात हुआ. वहीं भारत से चीन के बीच आयात केवल 8.77 बिलियन डॉलर का ही हुआ है. ऐसे में भारत को पूरे 51.5 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा चीन के साथ हुआ है. पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत से चीन के बीच निर्यात (India-China Trade) में वित्त वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक में 78.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. इन सालों में यह 11.93 बिलियन डॉलर से बढ़कर 21.26 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं आयात की बात करें तो यह इस अवधि में यह 60.41 बिलियन डॉलर से बढ़कर 94.57 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
भारत-चीन व्यापार घाटे का लेखा-जोखा
पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 में यह व्यापार घाटा 1.48 बिलियन डॉलर था जो वित्त वर्ष 2014-15 में बढ़कर 60.41 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था. वहीं अब वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 94.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. ऐसे में सरकार के मुताबिक साल 2004 से 2014 तक व्यापार घाटा 2,346 फीसदी बढ़ा था, जो अब केवल 100 फीसदी के दर से बढ़ रहा है.
चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार उठा रही यह जरूरी कदम
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सरकार चीन से व्यापार घाटे को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है. सरकार देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की भी शुरुआत की है. इससे देश की निर्भरता सामान के लिए चीन पर कम होगी. सरकार देश में मोबाइल फोन आदि के प्लांट में बढ़ोतरी कर रही है. इससे चीन से कम से कम स्मार्टफोन मंगाने की जरूरत पड़ेगी.
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