Covid 19 Impact: कोरोना के मामलों बढ़ने के बाद देशभर में राज्यों द्वारा अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाने का सीधा असर व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. आर्थिक गतिविधि के ठप्प होने से पिछले 15 दिनों में औसतन 50 %  से  कम व्यापार में हुआ है. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 150 लाख करोड़ रुपये का होता है. कैट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है देश भर के व्यापारी संगठनों के साथ राय -मशवरा करते हुए ही यदि कोरोना से संबंधित कदम उठाये जाएँ तो ज्यादा ठीक होगा. 



कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इस प्रकार के प्रतिबंधों के साथ साप्ताहिक लॉकडाउन ने व्यावसायिक गतिविधियों को या तो केवल दो दिन या एक सप्ताह में तीन दिनों के लिए के लिए ही व्यापार करने के लिए छोड़ा है  जिससे व्यावसायिक गतिविधियाँ भी काफी हद तक कम हो गई हैं.कोरोना के विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के चलते देश भर में पिछले दस दिनों के व्यापार में औसतन 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. शहर से बाहर का आने वाला खरीदार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है जबकि रिटेल की खरीदारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं .  इस दोहरी मार से देश का व्यापार बुरी तरह से अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है, जिस पर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है. 


 कैट के रिसर्च संगठन कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी"  ने  1 जनवरी से 15 जनवरी तक देश के विभिन्न राज्यों के 36 शहर जिन्हे  कैट ने " वितरण केंद्र " का दर्जा दिया है, में कोरोना के बढ़ते स्वरूप और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का व्यापार पर क्या असर पड़ा है, पर व्यापारियों के बीच एक सर्वे किया जिससे यह पता लगा है की बीते दो  सप्ताह में  देश के घरेलू व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत से अधिक की औसतन गिरावट आई है. मौटे तौर पर  एफएमसीजी में 35 %, इलेक्ट्रॉनिक्स में 50 % मोबाइल में 50 % , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 35 %, फुटवियर में 60 % ज्वेलरी में 35 %, खिलौनों में 65 %, गिफ्ट आइटम्स में 70 %, बिल्डर हार्डवेयर में 50 %, सैनेटरीवेयर में 50 % परिधान तथा कपड़े में 40 %, कॉस्मेटिक्स में 30 %, फर्नीचर में 50 %, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 50 %, इलेक्ट्रिकल सामान में 40 %, सूटकेस एवं लगेज में 50%, खाद्यान्न में 30 %, रसोई उपकरणों में 45 %, घड़ियों में 40 %, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर के सामान में 35 %, कागज एवं स्टेशनरी में 40 % के व्यापार की अनुमानित गिरावट आई है. 


उन्होंने बताया की शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी से शुरू हो गया हैं तथा जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था ,उसमें विभिन्न सरकारों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में काफी गिरावट आई है. अब यह अनुमान है कि व्यापार के इस वर्टिकल में आगामी ढाई महीने में लगभग 1 .25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार ही होने की सम्भावना है. 


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