Trade Union Strike: बढ़ती महंगाई ( Rising Prices), सरकारी कंपनियों में विनिवेश ( Disinvestment of  PSU's) के साथ कई अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार ( Central Government) को घेरने के लिये देश के सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ( Central Trade Unions) ने आने वाले बजट सत्र ( Busget Session)  के दौरान दो दिनों ( 2 Days) के लिये देशव्यापी हड़ताल ( Nationwide Strike) पर जाने का ऐलान किया है. सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के फोरम की दिल्ली में 1 नवंबर को हुई बैठक में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है. फोरम की बैठक में सरकारी कंपनियों के निजीकरण ( Privatisation of PSU's) को बढ़ावा देने के साथ National Monetisation Pipeline (NMP) के तहत सरकारी संपत्तियों ( National Asset) को कॉरपोरेट सेक्टर( Corporate Sector) देने को लेकर बैठक चर्चा की गई, जिसके बाद हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया.  


मजदूर संगठन चलायेंगे जन-जागरण अभियान


आम लोगों को सरकार के इस मंसूबों से अवगत कराने के लिये ट्रेड यूनियनों ने जन जागरण अभियान भी चलाने का निर्णय लिया है. सबसे पहले 11 नवंबर को ट्रेड यूनियनों के नेशनल कनवेंशन का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद राज्यों स्टरीय कनवेंशन आयोजित किये जायेंगे. जिसके बाद जथ्था, धरना, मिनी संसद और देशभर में हस्ताक्षऱ अभियान ( Signature Campaign) चलाया जाएगा जिसके बाद आने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान दो दिनों तक ट्रेड यूनियन हड़ताल पर रहेंगे.  


हड़ताल और दिल्ली मार्च की सालगिरह 


ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को ट्रेड यूनिययों के राष्ट्रीय हड़ताल की सालगिरह (Anniversary of the National General Strike of trade unions) के साथ किसानों के तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली मार्च का सालगिरह भी मनाने का फैसला किया है. ट्रेड यूनियनों के फोरम ने संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM) के नेताओं के साथ भी बैठक की जिसमें आने वाले आंदोलनों पर चर्चा के साथ के साथ मजदूर-किसान एकता पर जोर दिया गया. फोरम की बैठक में INTUC, AITUC, HMS, CITU समेत अन्य मजदूर संगठनों के नेताओं ने शिरकत की. 


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