Online Medicine Sales Ban: व्यापारियों के संगठन कैट ने सरकार से देश में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. यह मांग ऐसे समय की गई है जब ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने छह अप्रैल को ऑनलाइन माध्यम से दवाओं की बिक्री की घोषणा की है.


कैट ने की दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की मांग
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को इस संबंध में पत्र भी लिखा है. कैट ने पत्र में ई-फार्मेसी कंपनियों पर देश में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की तत्काल मांग की है.


बताई रोक लगाने की मांग के पीछे की वजह
संगठन ने कहा है कि उसने यह मांग इसलिए की है ताकि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम और नियमों (डीसी अधिनियम और नियम) के प्रावधानों का पूरी तरह से पालन किया जा सके. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि डीसी अधिनियम और नियम देश में दवाओं के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण को नियंत्रित करते हैं. साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सख्त प्रावधान हैं.


कानूनों का ना हो उल्लंघन
उन्होंने सरकार से भारतीय कानून के तहत मध्यस्थ प्रावधानों का फायदा उठाने से रोकने के लिए ई-फार्मेसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया है. ऑनलाइन कंपनियों के दवाएं बेचने से जुड़े कानूनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दवाओं की बिक्री से जुड़े कानूनों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. 


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